सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

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आसाराम लोअर कोर्ट से लेकर राजस्थान हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और गुजरात हाईकोर्ट में अब तक 16 बार जमानत के लिए प्रयास कर चुका है। उसे सिर्फ फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट प्रकरण में ही एक बार जमानत मिली है। उसमें भी वह जेल से बाहर नहीं आ सकता।

ये कहा सुप्रीम कोर्ट ने

राजस्थान और गुजरात हाई कोर्ट से जमानत लेने में असफल रहा आसाराम अब सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहा है। कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट मामले में आसाराम को जमानत मिली। इसके बाद पॉक्सो एक्ट के मामले में भी जमानत लेने के लिए उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से साफ इंकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा, अगर ट्रायल कोर्ट द्वारा सजा के खिलाफ उनकी अपील पर शीघ्र सुनवाई नहीं की जाती है तो आसाराम सजा के निलंबन के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।

पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई है सजा

जोधपुर के ही एससी-एसटी कोर्ट व पॉक्सो कोर्ट ने करीब 4 साल तक ट्रायल के बाद आसाराम को सजा सुनाई थी। आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। उसके दो सेवादारों को भी दोषी मानकर सजा सुनाई गई थी। इसी की अपील जोधपुर हाई कोर्ट में विचाराधीन है। जोधपुर हाई कोर्ट से भी पहले आसाराम जमानत लेने का प्रयास कर चुका है, लेकिन हर बार खारिज हुई।

फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट में मिली थी जमानत

आसाराम ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट में जोधपुर सेंट्रल जेल डिस्पेंसरी का एक फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया था। इसमें कई बीमारियों का हवाला दिया गया था और जमानत की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच करवाई तो यह फर्जी निकला। इसके बाद एक अलग प्रकरण इस संबंध में शुरू हुआ। इसी साल अप्रैल में इस मामले में उसे जमानत दी गई। उसके बावजूद जेल से बाहर नहीं आ सका।

गुजरात हाई कोर्ट ने भी नहीं दी जमानत

आसाराम पर गुजरात में एक अन्य नाबालिग किशोरी ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में आसाराम गुजरात हाई कोर्ट से जमानत लेने के प्रयास कर चुका है। अक्टूबर 2022 में जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन वह खारिज कर दी गई।

जोधपुर के आश्रम में बच्ची के साथ किया था रेप

आसाराम ने 15-16 अगस्त 2013 के बीच जोधपुर के मनाई आश्रम में एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार किया था। 20 नवंबर को दिल्ली में इसकी जीरो नंबर की एफआईआर दर्ज हुई। 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस की टीम उसे गिरफ्तार करने इंदौर (मध्य प्रदेश) पहुंची। 1 सितंबर 2013 को उसे लेकर टीम जोधपुर पहुंची। तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है।

Compiled: up18 News