सीवर सफाई के दौरान होने वाली मौत पर देना होगा 30 लाख रुपये का मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

National

जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि सीवर की सफाई के दौरान स्थायी दिव्यांगता का शिकार होने वालों को न्यूनतम मुआवजे के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाथ से मैला ढोने की प्रथा पूरी तरह खत्म हो जाए।’

फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति भट ने कहा कि अगर सफाईकर्मी दूसरी दिव्यांगता से ग्रस्त होता है तो अधिकारियों को 10 लाख रुपये तक का भुगतान करना होगा। न्यायालय ने कई निर्देश जारी किए, जिन्हें पढ़ा नहीं गया। पीठ ने निर्देश दिया कि सरकारी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए समन्वय करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं न हों और उच्च न्यायालयों को सीवर से होने वाली मौतों से संबंधित मामलों की निगरानी करने से न रोका जाए। यह फैसला एक जनहित याचिका पर आया।

जुलाई 2022 में लोकसभा में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार पांच वर्षों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कम से कम 347 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 40 प्रतिशत मौतें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में हुईं।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.