सुप्रीम कोर्ट ने ने शुक्रवार को नगालैंड सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) और यूपीएससी को 19 दिसंबर तक राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने नागालैंड पुलिस प्रमुख की नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा मांगी गई 60 दिनों की मोहलत देने से इनकार कर दिया।
न्यायालय ने कहा कि उसके आदेश के अनुपालन में नाकामी पर “कानून के तहत दंडात्मक” कदम उठाए जा सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने जुलाई 2018 में देश में पुलिस सुधारों पर कई निर्देश पारित किए थे और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को किसी भी पुलिस अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्त करने से रोक दिया था, ताकि ऐसी उच्च-स्तरीय नियुक्तियों में पक्षपात और भाई-भतीजावाद से बचा जा सके।
प्रक्रिया के अनुसार यूपीएससी को राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के परामर्श से तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक सूची तैयार करनी है और उनमें से राज्य किसी एक को डीजीपी के रूप में नियुक्त कर सकता है।
वर्तमान में, 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी टी. जे. लोंगकुमेर नगालैंड डीजीपी के रूप में कार्यरत हैं।
लोंगकुमेर को 27 जून 2018 को डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें पिछले साल 31 अगस्त, 2022 तक एक साल का विस्तार दिया गया था। इसके बाद उन्हें अगले साल फरवरी तक छह महीने का विस्तार दिया गया।
शीर्ष अदालत डीजीपी की नियुक्ति पर शीर्ष अदालत के पहले के निर्देशों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
-Compiled by up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.