देश में कुत्तों के काटने से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है। शीर्ष अदालत ने पशु कल्याण बोर्ड (AWB) से पिछले 7 साल में कुत्ते के काटने से हुई मौतों पर आंकड़े पेश करने को कहा है। कोर्ट ने इसे रोकने के लिए उठाए गए कदमों का भी हिसाब मांगा है। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि कितने राज्यों में कुत्ते के काटने से लोगों की मौत हुई है और कितने लोग घायल हुए हैं। अदालत ने यह भी पूछा कि क्या इसके लिए गाइडलाइंस बनाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल केरल में कुत्तों के काटने से हुई मौतों पर भी चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि केरल में ऐसे मामले इस साल बढ़े हैं। हम सभी कुत्तों से प्रेम करते हैं मगर आवारा कुत्तों के काटने से अगर परेशानी होती है तो हमें इसका हल निकालने की जरूरत है। जस्टिस गवई ने कहा कि यदि किसी पर संबंधित जानवर की ओर से हमला किया जाता है तब ऐसे लोगों को टीकाकरण और इलाज का खर्च वहन करने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है जो आवारा कुत्तों को खिलाते-पिलाते हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि कुत्तों के काटने वाला मामला अब पूरे देश की समस्या बन गई है। हमें राज्यवार इस समस्या का समाधान खोजना होगा। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस गवई ने कहा कि यह एक क्षेत्र से संबंधित परेशानी हो सकती है लेकिन मुंबई और हिमाचल प्रदेश की स्थिति केरल से बिल्कुल अलग है।
-एजेंसी
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