महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर हुई हत्या की CBI जांच को हरी झंडी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच करा सकती है। लगातार इंसाफ की मांग को लेकर चर्चा का विषय रहे साधुओं की लिंचिंग मामले में सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है।
मामला अप्रैल 2020 का था जहां पालघर में साधुओं की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। जिसको लेकर देशभर में विरोध देखने को मिला था। इस घटना को लेकर उद्धव सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। दरअसल, उद्धव सरकार की ओर से दलील देते हुए कहा गया था कि पुलिस जांच हो चुकी है, इसलिए सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है। उद्धव सरकार के इस फैसले को विरोधियों ने आड़े हाथों लिया था।
क्या हुआ था पालघर कांड में?
16 अप्रैल 2020 में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की लिंचिंग के दौरान हत्या कर दी गई थी। यह घटना कथित तौर पर बच्चा चोरी का शक जताते हुए पालघर इलाके के गढ़चिंचले गांव में हुई थी। जहां दो साधुओं कल्पवृक्ष और सुशील गिरी समेत ड्राइवर को पीट पीट कर भीड़ ने मार डाला था। इस घटना पर देशभर के संत समाज ने पुरजोर विरोध करते हुए तत्कालीन उद्धव सरकार पर सवाल खड़े किए थे। विपक्षियों ने कहा था कि उद्धव सरकार को तुरंत ही सख्त एक्शन लेते हुए मामले की सीबीआई जांच करानी चाहिए। लेकिन उद्धव सरकार ने ऐसा नहीं करते हुए इसे महज पुलिस जांच से ही सिमटा दिया था।
शिंदे सरकार ने जांच के लिए डाली थी याचिका
उद्धव ठाकरे से अलग होने के बाद शिंदे गुट ने दांव खेलते हुए पालघर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट से कराने की सोची। जिसके लिए शिंदे सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा हलफनामा भी दायर किया गया। जिसमें कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार पालघर मामले की जांच सीबीआई से कराना चाहती है। इसी याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को सीबीआई जांच की इजाजत दे दी है। जिसके बाद अब पालघर साधु हत्याकांड की जांच का रास्ता साफ हो गया है।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.