मतदान से ठीक पहले हिमाचल में बीजेपी की बागी नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई सीटिंग विधायकों को टिकट नहीं दिया जिसकी वजह से वो नाराज होकर पार्टी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। 31 अक्टूबर को बीजेपी ने 4 पूर्व विधायकों और पूर्व उपाध्यक्ष को 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित किया था। इसके ठीक एक दिन के बाद ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को भी पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित कर दिया था।

हिमाचल में बीजेपी ने कई सीटिंग विधायकों को नहीं दिया टिकट

भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले कई सिटिंग विधायकों को भी एंटी इनकंबैंसी के चलते टिकट नहीं दिया है। जिसके बाद पार्टी में विद्रोहियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनमें से कई विद्रोहियों पर पार्टी ने कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया है। बीजेपी ने विद्रोहियों के खिलाफ हिमाचल चुनाव में एक्शन लेते हुए एक कड़ा संदेश दिया है।

पीएम मोदी ने खुद फोन करके चुनाव से हटने को कहा फिर भी नहीं हटे

वहीं 9 नवंबर को हिमाचल के कांगड़ा ज़िले की फतेहपुर सीट से भी बीजेपी का एक बागी नेता पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दल खड़ा हो गया। पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार को जब टिकट नहीं मिला तो वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो गए उन्होंने इस बात का दावा किया है कि उन्हें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन करके चुनाव से हटने के लिए कहा है।

पीएम मोदी की अपील के बावजूद बीजेपी के बागी नेता कृपाल परमार ने चुनाव मैदान से हटने से इंकार कर दिया। दोनों नेताओं की इस बातचीत का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने भी पीएम मोदी और बागी बीजेपी नेता की बातचीत का यह वीडियो शेयर कर बीजेपी पर निशाना साधा था।

-एजेंसी


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