आगरा: ‘अगर भारत को जल्द ही हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो हिंदू भी अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएगा। हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की मांग अपने देश और अपने सनातन संस्कृति को बचाने के लिए की जा रही है। भारत के सनातनी लोग सभी को सुखी रखने के लिए खुद को मृत्यु के घाट पर नहीं पहुंचा सकते। हमारा मूल चरित्र है “सर्वे भवंतु सुखिनः” हम किसी को भगाने की बात नहीं कर रहे। अपनी संस्कृति को बचाने की बात हो रही है। जहां पर मुस्लिम बहुसंख्य हैं वहां पर दुनिया देख रही है कि अल्पसंख्यकों की क्या हालत है। अगर देश के वर्तमान हालात ऐसे ही रहे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में भी 15-20 साल बाद यही स्थिति होगी।’ यह कहना था प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर का।
प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर आज खेरिया मोड़ स्थित सेल्फी प्वाइंट पर पहुंचे थे, जहां वो मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने को लेकर बेबाकी के साथ अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि उनकी जो मांग है वह बिल्कुल भी गलत नहीं है। इस मांग के माध्यम से वह अपने देश की सनातनी संस्कृति अपनी हिंदू भाई बहनों की सुरक्षा की पहल कर रहे हैं।
भारत एक सेकुलर कंट्री है। इस पर जब देवकीनंदन ठाकुर से सवाल किया गया इस तरह की मांग क्यों की जा रही है तो उनका कहना था कि हमारा सनातनी धर्म कहता है सर्वे भवंतु सुखिन:। हम सभी को सुख रख रहे हैं लेकिन इसके चलते हम अपने आप को मौत के मुंह में तो नहीं धकेल सकते। अपने बच्चों की इज्जत से खिलवाड़ नहीं कर सकते। आगामी सालों में जो परेशानियां हमारे बच्चों पर आएगी और भारत की आजादी को भी हम बरकरार नहीं रख सके तो क्या इसे हमारी मानवता कहा जाएगा।
प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने हिंदू राष्ट्र के अलावा एक और मांग की है। उनकी यह मांग है कि सनातन धर्म के बच्चे केवल सनातनी धर्म के परिवारों में ही विवाह करें। इस तरह का सरकार कानून भी बनाए। इसको लेकर उनका कहना था कि आजकल क्या हो रहा है सभी देख रहे हैं हमारे धर्म की बच्चियां दूसरी विशेष धर्म के लोगों के साथ शादी कर रही हैं और शादी के बाद उनकी क्या दुर्दशा होती है किसी से छिपी नहीं है। सबसे पहले उस बेटी का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है उसके साथ मारपीट की जाती है, अत्याचार किया जाता है। कई उदाहरण आए दिन हम को मिलते हैं। इसीलिए सनातन धर्म के बच्चे सनातन धर्म परिवार में ही शादी विवाह करें ऐसा कानून बनाए जाने की मांग की जा रही है।
देवकीनंदन ठाकुर ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म का भी विरोध किया था। इस पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने सारी मर्यादा है तोड़ दी हैं। भूख और कामना की वासना के साथ पारिवारिक रिश्तो को दिखाया जा रहा है। यहां तक कि खुलकर अश्लीलता परोसी जा रही है। इसीलिए ओटीटी प्लेटफॉर्म पूरी तरह से बंद हो जाना चाहिए।
मदरसों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया
इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में मदरसों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। वहीँ हमारी संस्कृति को बचाने का काम करने वाले गुरुकुल को खत्म करने का काम किया गया है। भारत सरकार को चाहिए कि देश की संस्कृति को बचाने के लिए गुरुकुल की स्थापना करवाएं।