मिजोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय को राज्य सरकार ने दिया सुरक्षा का आश्वासन

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मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को नग्न करके परेड किए जाने का वीडियो सामने आने के बाद बढ़ रहे आक्रोश के बीच मिजोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य के कुछ संगठनों की ओर से बाहर निकलने की धमकियों के बाद राज्य सरकार ने ये आश्वासन दिया है.

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच तीन मई से ही हिंसा भरा संघर्ष जारी है. मिजोरम का मीज़ो समुदाय मणिपुर के कुकी लोगों के साथ गहरा नस्लीय संबंध रखता है और पड़ोसी प्रांत मणिपुर के घटनाक्रम पर नज़र बनाये हुए हैं. हिंसा के बाद से क़रीब साढ़े बारह हज़ार कुकी लोगों ने मिज़ोरम में शरण ली है.

ताज़ा तनाव शुक्रवार को भूमिगत मिज़ो राष्ट्रवादियों की तरफ़ से मैतेई लोगों के लिए जारी चेतावनी के बाद से पैदा हुआ है. पीस अकॉर्ड एमएनएफ़ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पामरा) पूर्व मीज़ो राष्ट्रवादी फ्रंट मिलिशया समूहों का संगठन है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार राज्य के आयुक्त एच. लालेंगमाविया ने मिज़ोरम में रह रहे मैतेई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़ शनिवार से मैतेई लोगों ने मिजोरम छोड़ना शुरू कर दिया है. इसी बीच मणिपुर सरकार ने कहा है कि वह प्रभावित लोगों को चार्टर्ड फ़्लाइट के ज़रिये मणिपुर लाने के लिए तैयार है.

पामरा ने क्या कहा

पामरा ने एक बयान में कहा है कि कुकी ज़ो नस्लीय समूहों के ख़िलाफ़ हिंसा से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं और अब मैतेई लोगों के लिए मिज़ोरम में रहना सुरक्षित नहीं होगा.
मिज़ोरम की राजधानी ऐज़वॉल में क़रीब दो हज़ार मैतेई लोग रहते हैं. इनमें सरकारी कर्मचारी, छात्र और श्रमिक शामिल हैं. इनमें से बहुत से असम की बराक घाटी के मूल निवासी हैं. इस चेतावनी के बाद मिज़ोरम पुलिस ने मैतेई लोगों की सुरक्षा में पुलिस बल भी तैनात किए हैं.

Compiled: up18 News