आगरा: महिला आयोग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर मुख्य सचिव से कहा, हाईस्कूल की मार्कशीट में बेटियों को दिए जाएं अंक

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छात्राओं की काउंसलिंग के लिए निदेशक महिला कल्याण विभाग को जारी किया पत्र
चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के पत्र का लिया संज्ञान

आगरा। हाई स्कूल की मार्कशीट में अंक ना होने के कारण बेटियां शिक्षा में पिछड़ रही हैं वह अवसाद और तनाव ग्रस्त है अंको के लिए छात्राएं भटक रही हैं। सूरसदन में आयोजित भाजपा की गरीब कल्याण जनसभा में चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस के साथ छात्राओं ने सांसद, विधायक, मंत्री, महापौर तथा महिला आयोग के समक्ष अपनी वेदना रखी थी। जिस पर महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित ने अंक दिलाने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर मुख्य सचिव को अंक दिए जाने के लिए पत्र लिखा है वही दूसरी ओर छात्राओं को अवसाद से उबारने के लिए उनकी काउंसलिंग हेतु निदेशक महिला कल्याण विभाग को भी पत्र जारी किया है।

नरेश पारस ने तथ्यों से कराया अवगत

चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस ने महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित को तथ्यों से अवगत कराते हुए कहा था कि कोरोना महामारी के चलते सत्र 2020-21 में हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षाएं नहीं करायी गयी थीं। कक्षा 09 एवं हाई स्कूल प्री बोर्ड की परीक्षाओं के आधार पर बच्चों को अक दिये गये थे लेकिन बैजन्ती देवी इन्टर कॉलेज के 128 छात्र-छात्राओं को अंक नहीं दिये गये। उनको अंक रहित अंकपत्र दिये गये जबकि विद्यालय द्वारा बोर्ड को अंक भेजे गये थे। बिना अंकों के बच्चे मैरिट मे हमेशा-हमेशा के लिए वंचित हो गये। इसमें छात्राएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं। छात्राएं अवसाद एवं तनाव में है गरीब परिवारों से छात्राएं हैं, परिवार बमुश्किल से उन्हें पढ़ा रहे हैं। ऐसे में उन पर पढ़ाई छोड़ने का परिवार द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। उनके कम उम्र में विवाह होने की भी संभावना है। छात्राए हतोत्साहित हैं। आगे शिक्षा होने की संभावना खत्म होती नजर आ रही है।

बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा पर गंभीर है सरकार

महिला आयोग में अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बालिका शिक्षा एवं बालिका उत्थान के प्रति बहुत संवेदनशील है। बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न चरणों में बालिका सुरक्षा तथा मिशन शक्ति अभियान जलाया जा रहा है। सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं पर विशेष बल दे रही है। उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए स्कूल द्वारा बोर्ड को भेजे गये अंकों को समायोजित कर छात्राओं की अंकतालिका में अंक निर्गत कराने का कष्ट करें। इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य को भेजी है।

छात्राएं ना बन पाएं बालिका वधू

निदेशक महिला कल्याण विभाग को को भेजें गए पत्र में कहां है कि ऐसी पीड़ित सभी छात्राओं की काउन्सिलिंग करायी जाएं। अवसाद से उबारने के प्रयास किये जाएं। उक्त छात्राओं की निगरानी कर सुनिश्चित किया जाए कि उनकी कम उम्र में विवाह न हो, और पढ़ाई जारी रहे। आगरा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की ऐसी समस्त बालिकाओं को भी चिन्हित करें, जिन्हें अंक नहीं मिले हैं, उनके साथ भी उक्त प्रक्रिया करायी जाए।

-up18news