श्रीलंका को भारत की ओर से नई कर्ज सुविधा की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। इससे नकदी की तंगी से जूझ रहे देश को अगले चार महीनों के लिए पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति करने की अनुमति मिल जाएगी। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने शुक्रवार को यह बात कही।
देश इस समय 1948 में ब्रिटेन की आजादी के बाद से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इस आर्थिक संकट से पूरे देश में भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की कमी हुई है। श्रीलंका की सरकारी तेल कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (सीपीसी) ने कहा कि ईंधन के लिए भारत की तरफ से पूर्व निर्धारित 70 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा के तहत डीजल की अंतिम खेप बृहस्पतिवार को पहुंच गई।
विजेसेकारा ने कहा, हमें तीन से चार सप्ताह पहले ईंधन के लिए एक नई कर्ज सुविधा पर अनौपचारिक सूचना मिली थी। अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सरकार कच्चे तेल की खरीद की व्यवस्था करने पर भी काम कर रही: विजसेकरा
उन्होंने कहा कि भारत से अनुमानित 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा से देश में अगले चार महीनों के लिए पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति हो सकेगी।
विजसेकरा ने आगे कहा कि सरकार कच्चे तेल की खरीद की व्यवस्था करने पर भी काम कर रही थी, हालांकि यह एक अधिक महंगा प्रबंधन है। उन्होंने कहा कि ईंधन आपूर्तिकर्ता अब श्रीलंका को ऋण नहीं दे रहे हैं और पहले नकद भुगतान की मांग कर रहे हैं।
-एजेंसियां
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