पाकिस्‍तान में बड़े खेल की अटकलें तेज, जनरल बाजवा और इमरान की हुई मुलाकात

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इमरान खान की हालत यहां तक हो गई कि उन्‍होंने बाजवा को एक और सेवा विस्‍तार देने तक का इशारों ही इशारों में ऑफर दे दिया। इमरान के अचानक पलटने से अब उनकी क‍िरकिरी हो रही है। इमरान खान के आलोचकों का कहना है कि पीटीआई नेता ने एक बार फिर से यूटर्न ले लिया है। इमरान खान सत्‍ता गंवाने के बाद से ही लगातार जनरल बाजवा पर निशाना साध रहे थे। उन्‍होंने कई रैलियों में पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को मीर जाफर और गद्दार तक करार दे दिया था। इमरान खान की पार्टी ने तो कई बार बाजवा को लेकर सोशल मीडिया में ट्रेंड चलाया। अब इमरान खान के इस बदले रुख से लोग जहां भौचक्‍का हैं, वहीं यह भी कह रहे हैं कि क्रिकेटर से नेता बने ‘नियाजी’ को देर से ही सही अक्‍ल आ गई है।

शहबाज के पास नए आर्मी चीफ को न‍ियुक्‍त करने का अधिकार नहीं

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन के मुताबिक इमरान खान अब सेना को खुश में करने में जुट गए हैं। दरअसल, पाकिस्‍तान की सियासत में बिना सेना प्रमुख की अनुमति के पत्‍ता भी नहीं हिलता है। इसके गवाह खुद इमरान खान रहे हैं। बाजवा और पूर्व आईएसआई चीफ जनरल फैज की जोड़ी ने चुनाव में हार के बाद भी इमरान खान को पीएम बना दिया। अब इमरान खान को अपने साथ यही हश्र होने का डर सता रहा है। इसी वजह से वह लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि चुनाव जल्‍दी कराए जाएं और उसके बाद ही नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की जाए।

इमरान खान की दलील है कि शहबाज सरकार के पास नए आर्मी चीफ को न‍ियुक्‍त करने का अधिकार नहीं है। उन्‍होंने कहा है कि इसलिए नई सरकार के गठन होने तक आर्मी चीफ को नियुक्‍त करने का मसला टाल दिया जाए। उन्‍होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो वह इस महीने के आखिर तक शहबाज शरीफ की सत्‍तारूढ़ गठबंधन सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अंतिम आह्वान कर देंगे। उनका इशारा एक और लॉन्‍ग मार्च की ओर था।

जनरल बाजवा अब कोई सेवा विस्‍तार नहीं लेंगे

पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री ने भले ही बाजवा को खुश करने की कोशिश की हो लेकिन इसका पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता कह चुके हैं कि जनरल बाजवा अब कोई सेवा विस्‍तार नहीं लेंगे। अगर ऐसा होता है तो नवंबर महीने में नए पाकिस्‍तानी आर्मी चीफ की नियुक्ति हो सकती है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि इमरान खान अब आखिरी कोशिश के तहत बाजवा को मना रहे हैं। अगर बाजवा मान जाते हैं तो शहबाज सरकार जल्‍दी ही गिर सकती है और आने वाले साल के पहले तीन महीने में पाकिस्‍तान में चुनाव हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो बाजवा तब तक आर्मी चीफ बने रहेंगे।

-एजेंसी