
पायल दिल्ली से हैं और जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता शोध छात्र हैं।
ग्रीम स्मिथ, एबी डिविलियर्स और शॉन पोलक के लिए लॉर्ड्स में अपनी मौजूदगी में साउथ अफ्रीका की यह जीत उनकी जीवन यात्रा का एक चक्र पूरा होने जैसा था। 15 जून 2025 को जब लॉर्ड्स के मैदान पर काइल वेरेयने ने मिशेल स्टार्क की गेंद पर कवर ड्राइव लगाकर विजयी रन बनाया, तब ये तीनों भी अपने देशवासियों के साथ जश्न मना रहे थे। यह रन सिर्फ 282 रनों के लक्ष्य को पूरा करने वाला एक शॉट नहीं था, बल्कि सालों की मेहनत, असफलताओं और सीख का प्रतीक था।_
_एबी डिविलियर्स के लिए तो यह साल बेहद खास रहा। IPL में RCB की सफलता के बाद अब दक्षिण अफ्रीका ने चैंपियन बनकर ‘MR 360’ के हर अधूरे सपने को पूरा कर दिया है।_
ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर साउथ अफ्रीका ने पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। कगिसो रबाडा, टेम्बा बावुमा, लुंगी एनगिडी और एडन मार्कराम ने मिलकर एक ऐसी ऐतिहासिक जीत की कहानी लिखी, जो हर क्रिकेट प्रेमी के दिल में हमेशा के लिए बस गई है। लॉर्ड्स की बालकनी में खड़े होकर जब बावुमा ने अपने दोनों हाथों से चेहरा ढक लिया, तो उनकी प्रतिक्रिया ने दक्षिण अफ्रीका की वर्षों की कसक को बयां कर दिया।
संघर्ष ही करता रहा साउथ अफ्रीका क्रिकेट
साउथ अफ्रीका का क्रिकेट इतिहास हमेशा चुनौतियों से भरा रहा है। साल 1970 में रंगभेद नीतियों के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर कर दिया गया था। साल 1991 में वापसी के बाद, 1992 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ डकवर्थ-लुईस नियम ने उनसे सेमीफाइनल की जीत छीन ली।
1999 के सेमीफाइनल में लांस क्लूजनर और एलन डोनाल्ड का रन-आउट, टाई होने के बावजूद हार में बदल गया। 2003 में घरेलू मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ मार्क बाउचर की गणना संबंधी चूक ने उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।
2011 और 2015 में न्यूजीलैंड से मिली सेमीफाइनल हार और 2024 में भारत से T20 विश्व कप फाइनल में 7 रन की शिकस्त ने ‘चोकर्स’ का ठप्पा और मजबूत किया।
WTC में बदली किस्मत
11 से 14 जून 2025 के बीच लॉर्ड्स में खेले गए WTC फाइनल में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में मैट वेस्टर के 72 और स्टीव स्मिथ के 66 रनों की मदद से 212 रन बनाए।
इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 138 रन पर सिमट गई। पैट कमिंस ने 6 विकेट लेकर अफ्रीका को बैकफुट पर धकेल दिया।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 207 रन ही बना सकी। इस बार कगिसो रबाडा ने 4 और लुंगी एनगिडी ने 3 विकेट लेकर मैच में अफ्रीका की वापसी कराई।
282 रनों के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए एडन मार्कराम ने नाबाद 136 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, जबकि कप्तान टेम्बा बावुमा ने 66 रन जोड़ते हुए निर्णायक साझेदारी निभाई। काइल वेरेयने ने मिशेल स्टार्क की गेंद पर शानदार कवर ड्राइव लगाकर साउथ अफ्रीका को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
शांत नेतृत्व का चमकता सितारा बावुमा
साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत टेस्ट कप्तान टेम्बा बावुमा WTC फाइनल 2025 की जीत के असली नायक साबित हुए। जब दूसरी पारी में मैच निर्णायक मोड़ पर था और टीम को अपने कप्तान से एक साहसिक पारी की दरकार थी, तब उनकी 46 रन की संयमित बल्लेबाज़ी और एडन मार्कराम के साथ 100 रनों से अधिक की साझेदारी ने लक्ष्य तक पहुंचना संभव बनाया।
तनावपूर्ण माहौल में भी बावुमा पूरी तरह शांत और स्थिर नज़र आए। दिलचस्प बात यह है कि बावुमा ने आज तक एक भी IPL मैच नहीं खेला। उनकी कदकाठी और स्ट्राइक रेट को लेकर सोशल मीडिया पर कई बार उनका मज़ाक उड़ाया गया, लेकिन उन्होंने हर बार यह साबित किया कि क्रिकेट का असली मूल्य उस टेस्ट क्रिकेट में दिखाई देता है, जहां धैर्य, तकनीक और मानसिक दृढ़ता की परीक्षा होती है।
बावुमा ने सिर्फ एक मैच नहीं जीता, बल्कि उस समाज में नई उम्मीद का संचार किया है, जो दशकों तक रंगभेद की पीड़ा से गुज़रा है। उन्होंने अपने नेतृत्व से साउथ अफ्रीका को क्रिकेट ही नहीं, सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक नई राह दिखाई है।
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