पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच कलकता हाईकोर्ट ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है.
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और यह मामला कोर्ट के सामने रखा. बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट के सामने पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी और गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि इस मामले की तुरंत सुनवाई की जाए.
पश्चिम बंगाल सरकार की तुरंत सुनवाई पर जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले में रजिस्ट्रार के पास जाकर मेंशन करें. सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सामने कहा कि हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं.
अभी शाम को 4.30 तक केस पेपर और शाहजहां शेख की कस्टडी सीबीआई को देने को कहा है. अगर अब हम याचिका दाखिल करेंगे और कल मेंशन करेंगे तो ये अवमानना का केस होगा.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 5 जनवरी को संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने का मंगलवार को आदेश दिया. अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हिरासत केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाए. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि निर्देशों का अनुपालन मंगलवार शाम 4.30 बजे तक किया जाए.
ईडी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं, जिसने 17 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था. जबकि ईडी चाहता था कि जांच केवल सीबीआई को हस्तांतरित की जाए,
राज्य ने प्रार्थना की कि जांच केवल राज्य पुलिस को दी जाए. हाईकोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के एक दिन बाद राज्य पुलिस ने टीएमसी नेता को गिरफ्तार किया था कि शेख, जो महिलाओं पर कथित यौन अत्याचार और संदेशखाली में जमीन हड़पने का मुख्य आरोपी है.
-एजेंसी