श्रीमद भागवत नाम संकीर्तन का आयोजन आगामी 18 और 19 जून 2022 को चंडी स्थान, बगहा, प. चंपारण में किया जा रहा है। इस आयोजन में दशरथ गद्दी अयोध्या के महंत बृजमोहन दास जी महाराज मुख्य रूप से शामिल होंगे। इसकी जानकारी आज संकीर्तन के आयोजक रूपेश आर पांडेय ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर दिया। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म वो धर्म है, जिसका नाश सैकड़ो वर्षों से कोई नहीं कर सका। कितने आक्रांता आये और विलुप्त भी हो गए वो शासक हमारी संपत्ति को तो लूटे ले गए हमारी संस्कृति को नही लूट पाए। ऐसे में हमारी नई पीढ़ी को अपनी धार्मिक और संस्कृति विरासत के लिए यह आयोजन जरूरी है।
रूपेश आर पांडेय ने बताया कि हमारे राष्ट्र का मूल्यवान सिद्धांत बताने वाला पौराणिक ग्रन्थ श्रीमद्भागवत गीता है। जो केवल धर्म का नही, बल्कि मानव समाज का परिचायक होती है। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर-सुमिर नर उतरी पारा। कलयुग में केवल हरि नाम संकीर्तन ही भवसागर से पार करने वाली वह नैया है, जिस पर बैठकर पापी मनुष्य भी भव से पार हो जाता है। कहा गया है कि सतयुग में यज्ञ, द्वापर में दान, त्रेता में तप की बड़ी महिमा थी । लेकिन इन सब में कलयुग की महिमा को बड़ा ही महान बताया गया है कि केवल भगवान नाम से ही इस कलिकाल में ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। इसलिए हमने इस पुण्य काम को करने का निर्णय लिया है और इसके लिए हमने बिहार के प. चंपारण का बगहा जिले के प्रसिद्ध चंडीस्थान को चुना है। अतः हम सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करेंगे कि आप सभी बड़ी से बड़ी संख्या में इस संकीर्तन में शामिल हो।
इस प्रेस कांफ्रेंस के औसर पर संजय भूषण पटियाला, हितेश्वर रॅपर, रघुकुल तिलक, सुजान सिंह, अक्षय पालेंगे उपस्थिति थे।
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