उच्चतम न्यायालय ने तम्बाकू उत्पादों की तरह शराब की बोतलों पर भी स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकारियों को निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इंकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि इस प्रकार के फैसले सरकार के नीति निर्माण क्षेत्र में आते हैं।
पीठ ने आदेश में कहा, ‘‘ये नीति संबंधी मामले हैं। अदालतें इन मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं।’’
पीठ ने कहा कि जहां तक शराब की बात है, तो कुछ सुझावों के अनुसार, यदि इसे संयमित मात्रा में लिया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए अच्छी है।
-एजेंसी