33 दिन अस्त रहने के बाद उदय हुए शनि, राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना

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शनि लगभग 1 महीने तक अस्त रहने के बाद शुक्रवार यानी आज फिर से उदय हो गया है। अब ये पूरे साल उदय ही रहेगा लेकिन 17 जून को कुंभ राशि में रहते हुए वक्री हो जाएगा। यानी टेढ़ी चाल से चलने लगेगा। इसके बाद 4 नवंबर को सीधी चाल से चलने लगेगा। पूरे साल शनि का प्रभाव दिखेगा।

ज्योतिषियों का मानना है कि पूरे साल राजनीतिक, न्यायिक और संवैधानिक मामलों में शनि का प्रभाव दिखेगा। शनि 5 फरवरी को अस्त हुआ था। 33 दिन बाद 10 मार्च को उदय हो गया है। उदय होने से इसका असर बढ़ेगा।

शनि कार्य न्याय और मेहनत पसंद करते हैं और भाग्योदय करते हैं। ये सड़क, मशीनरी, विभागीय तंत्र आदि का कारक ग्रह हैं। इस ग्रह के वक्री और मार्गी होने से साल के बीच का समय ज्यादा प्रभावी रहेगा। शनि की चाल राजनीतिक उथल-पुथल वाली मानी जाती है।

शनि की चाल में बदलाव होने से इस साल राजनीति में बड़े बदलाव आ सकते हैं। मेहनतकश लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। निचले तबके के लोगों को आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। देश में निर्माण कार्य बढ़ेगा। कारखानों और मशीनरी से जुड़े सामानों के दाम बढ़ सकते हैं।

विश्‍व के लिए शनि का असर

शनि के कुंभ राशि में आने से देश में कंस्ट्रक्शन बढ़ेगा। पश्चिमी देशों में विवाद बढ़ सकते हैं। वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। निचले वर्ग के लोगों के लिये रोजगार के मौके मिलेंगे। ऐसे लोगों को पद और अधिकार भी मिल सकते हैं। हालांकि पड़ोसी देशों से जुड़ी भारत की सीमाओं पर तनाव और विवाद बना रहेगा।

शनि के प्रभाव से देश में बड़े कानूनी फैसले हो सकते हैं। गैर कानूनी काम करने वालों को सजा मिल सकती है। लंबे समय से मेहनत कर रहे लोगों को इस साल सफलता मिलने की पूरी संभावना है।