भारत के लिए रूस ने खोली सस्ते तेल की टंकी, बढ़कर 40% पहुंचा क्रूड ऑयल इंपोर्ट

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नई दिल्ली। भारत का कुल क्रूड ऑयल इंपोर्ट आयात अप्रैल में महीने-दर-महीने 8 फीसदी गिरकर 4.5 mb/d हो गया. दूसरे सबसे बड़े सप्लायर, इराक से इंपोर्ट 31 फीसदी गिरकर 776,000 बैरल प्रति दिन (बीपी/डी) हो गया. वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब से सप्लाई 6 फीसदी गिरकर 681,000 बैरल /दिन हो गई.

एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के अनुसार रूस ने भारतीय कच्चे तेल के आयात में अपनी हिस्सेदारी मार्च में 30 फीसदी से बढ़ाकर अप्रैल में लगभग 40 फीसदी कर दी है. वैसे ये आंकड़ा पिछले साल जुलाई में 42 फीसदी के अपने लाइफ टाइम हाई से कम है. भारतीय रिफाइनर्स ने अप्रैल में रूस से प्रति दिन 1.78 मिलियन बैरल (एमबी/डी) कच्चे तेल का इंपोर्ट किया, जो मार्च से 19 फीसदी अधिक है. यह अप्रैल में चीन के 1.27 मिलियन बैरल (एमबी/डी) और यूरोप के 396,000 बैरल प्रति दिन (बीपी/डी) रूसी कच्चे तेल के इंपोर्ट से ज्यादा हो गया. खास बात तो ये है कि अप्रैल में रूस ने इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात – की तुलना में भारत को अधिक तेल की सप्लाई की है.

मिडिल ईस्ट से कम किया इंपोर्ट

हालांकि, भारत का कुल क्रूड ऑयल इंपोर्ट आयात अप्रैल में महीने-दर-महीने 8 फीसदी गिरकर 4.5 mb/d हो गया. दूसरे सबसे बड़े सप्लायर, इराक से इंपोर्ट 31 फीसदी गिरकर 776,000 बैरल प्रति दिन (बीपी/डी) हो गया. वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब से सप्लाई 6 फीसदी गिरकर 681,000 बैरल/दिन हो गई.

भारत को यूएई का निर्यात 40 फीसदी गिरा और अमेरिका से निर्यात 15 फीसदी कम हो गया. भारतीय इंपोर्ट में इराक की हिस्सेदारी मार्च के 23 फीसदी से गिरकर अप्रैल में 17 फीसदी हो गई, जबकि संयुक्त अरब अमीरात की हिस्सेदारी 9 फीसदी से घटकर 6 फीसदी हो गई. अप्रैल में रूस की हिस्सेदारी 2023-24 के औसत 35 फीसदी से ज्यादा थी.

– एजेंसी