राजद और जदयू का जन्म ही एक दूसरे का विरोध करने के लिए हुआ है: प्रशांत किशोर

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नीतीश कुमार महागठबंधन में इसलिए शामिल हुए हैं क्योंकि उन्हें कहीं न कहीं डर और विश्वास दोनों था कि 2024 में लोकसभा चुनाव में भाजपा जीत कर आएगी। इसके बाद भाजपा दिल्ली में शपथ लेने के बाद सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री को बदलेगी क्योंकि भाजपा अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ना चाहती थी। इसी डर से नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को राजद से कोई प्रेम नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि राजद नीतीश कुमार को जानती नहीं है। नीतीश कुमार हर मायने में दिल्ली में भाजपा के साथ हैं। नीतीश कुमार का भाजपा में जाने का रास्ता खुला रहे, इस कारण से उन्होंने हरिवंश नारायण सिंह को राज्यसभा का उपसभापति बनाकर एक खिड़की खोल रखी है।

अगले विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में बिखराव होना तय

राजद और जदयू पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इन दोनों पार्टियों का जन्म ही एक दूसरे का विरोध करने के लिए हुआ है। 2015 से मुझे पता है कि इनके बीच कितनी खींचतान और परेशानियां हैं। इनके नेता कहते रहेंगे की हम भाई-भाई हैं। हमारे बीच कोई गिले-शिकवे नहीं है। ये वही भाई-भाई हैं जो गले भी मिलते हैं और पेट-पीठ में छुरा भी घोंपते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि जिस दिन यह महागठबंधन बना था, मैंने उस दिन कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव आज की गठबंधन व्यवस्था में नहीं होगा। चुनाव से पहले इनका अलग होना तय है।

बिहार के समग्र विकास के लिए दो ब्लू प्रिंट जारी करेंगे पीके

बता दें कि जन सुराज पदयात्रा के 107वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड अंतर्गत काशी टेंगराही पंचायत स्थित बुनियादी विद्यालय में सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर पदयात्रियों के साथ काशी टेंगराही गांव से पदयात्रा के लिए निकले।

पदयात्रा पर निकलने से पहले प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता में कहा कि जब पदयात्रा खत्म होगी उस समय बिहार के समग्र विकास के लिए दो अलग-अलग ब्लू प्रिंट विषयवार जारी किया जाएगा। मैं दूसरे नेताओं की तरह चुनावी घोषणा नहीं करूंगा, बल्कि उसका पूरा खाका आप सभी के समक्ष रखा जाएगा।

Compiled: up18 News


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