नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल झांकियों में काशी विश्वनाथ को सर्वश्रेष्ठ झांकी घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश को लगातार दूसरी बार राज्यों की झांकी में पहला स्थान मिला है। इससे पहले 2021 की गणतंत्र दिवस परेड में भी उत्तर प्रदेश ने बाजी मारी थी। 2021 में राजपथ पर प्रदेश की ओर से राम मंदिर पर झांकी प्रदर्शित की गई थी।
इसके साथ ही पॉपुलर च्वाइस कैटेगरी में महाराष्ट्र पहले स्थान पर रहा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सीआईएसएफ को बेस्ट मार्चिंग दल चुना गया।
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर राजपथ पर निकाली गई झाकियों में उत्तर प्रदेश की झांकी को सर्वश्रेष्ठ स्थान मिला है। प्रदेश की ओर से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पर झांकी का प्रदर्शन परेड के दौरान किया गया था। इसके अलावा पॉपुलर च्वाइस कैटेगरी में महाराष्ट्र की झांकी पहले स्थान पर रही। वहीं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के बीच सीआईएसएफ को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल चुना गया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेनाओं में भारतीय नौसेना को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल के रूप में चुना गया। इसमें पॉपुलर च्वाइस कैटेगरी में भारतीय वायु सेना पहले स्थान पर रही। वहीं गणतंत्र दिवस परेड में नौ मंत्रालयों की झांकी को भी शामिल किया गया था। इन मंत्रालयों के बीच हुई प्रतियोगिता में नागरिक उड्डयन मंत्रालय व शिक्षा मंत्रालय संयुक्त रूप से विजेता रहे।
12 राज्यों की झांकियों को किया गया था शामिल
गणतंत्र दिवस परेड में इस बार 12 राज्यों की परेड को शामिल किया गया था। इसमें यूपी, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब जैसे राज्य शामिल थे। सबसे ज्यादा तारीफ यूपी, महाराष्ट्र व जम्मू-कश्मीर की झांकी की हुई थी। वहीं इस बार पश्चिम बंगाल की झांकी को परेड में शामिल नहीं किया गया था। बंगाल की ओर से नेता जी सुभाष चंद्र बोस पर झांकी प्रदर्शित करने की तैयारी थी। झांकी शामिल न करने के फैसले बाद काफी विवाद भी हुआ था। यहां तक कि मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था।
इस बार बहुत कुछ था खास
गणतंत्र दिवस को इस बाद आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में मनाया गया था। ऐसे में इस बार कई चीजें ऐसी थीं, जो पहली बार हो रही थीं। राजपथ पर इस बार अब तक के सबसे बड़े फ्लाई पास्ट का भी आयोजन किया गया, जिसमें वायु सेना ने अपनी ताकत दिखाई। वहीं बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में 1000 ड्रोन्स के माध्यम से भी प्रदर्शन किया गया था। इसके अलावा इस बार स्कॉटिश धुन ‘अबाइड विद मी’ भी बीटिंग रिट्रीट का हिस्सा नहीं थी। यह धुन 1950 से भारतीय सेना द्वार बजाई जा रही थी।
– एजेंसी
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