पाकिस्‍तान के जाने-माने विदेश नीति विशेषज्ञ ने कहा, भारत इतनी तेजी से बदल रहा है कि अब बराबरी कर पाना मुश्किल

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हर तरफ से विकास और ऊर्जा

उजैर, अटलांटिक काउंसिल्‍स साउथ एशिया सेंटर में पाकिस्‍तान इनीशिएटिव के डायरेक्‍टर हैं। जिस यू-ट्यूब चैनल को उन्‍होंने इंटरव्‍यू दिया है वह एक पोडकास्‍ट चैनल है। उजैर पहले दिल्‍ली आए, फिर आगरा गए। यहां से राजकोट, गोवा और मुंबई पहुंचे। उजैर के मुताबिक भारतीय काफी खुश हैं और उनकी ऊर्जा को कोई भी महसूस कर सकता है। उनके पास जाते ही एक सकारात्‍मक ऊर्जा आपको महसूस होगी। वो यह मानने लगे हैं कि यह उनका ही पल है, और अगर यह आज नहीं है तो फिर कभी नहीं आएगा।

देश में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर पर बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है और विकास नजर आ रहा है। यही डेवलपमेंट इस ऊर्जा और जोश की बड़ी वजह है। वह इस बात को देखकर काफी प्रभावित थे कि मुंबई में एक मोची तक क्‍यूआर कोड स्‍कैन कर अपने ग्राहकों से पेमेंट हासिल कर रहा है। कैशलैश इकोनॉमी भारत को पूरी तरह से बदल रही है।

हर जगह मोबाइल से पेमेंट

उजैर यह देखकर हैरान थे कि कचौड़ी खाने वाले लोग बिना पैसे दिए ही चले जा रहे हैं। फिर उनके दोस्‍त ने बताया कि कचौड़ीवाला क्‍यूआर की मदद से अपनी पेमेंट हासिल कर रहा है। उजैर ने अपने दोस्‍त से पूछा कि इस तरह से तो दुकान वाले को यह रेकॉर्ड रखने में काफी दिक्‍कत होती होगी कि किस ग्राहक ने कितने पैसे दिए? इस पर उजैर के दोस्‍त ने बताया कि फिनटेक्‍स की मदद से इन दुकानदारों को स्‍मार्ट स्‍पीकर्स मिल गए हैं।

उजैर ने कहा कि ऐसा लगा कि वह एकदम फ्यूचर में पहुंच गए हैं। उन्‍होंने बताया कि भारत में कैश का प्रयोग रोजमर्रा के जीवने में लगभग जीरो ही है। मगर इसके बाद भी कैश सर्कुलेशन जीडीपी का 13 फीसदी है जबकि पाकिस्‍तान में यह 20 फीसदी है। उजैर के मुताबिक पाकिस्‍तान में अभी तक 5जी नेटवर्क नहीं है। उनकी मानें तो आज तक कराची जैसे शहर में भी यह संभव नहीं हो पाया है।

डिजिटाइजेशन ने बदला सबकुछ

उजैर ने बताया कि पाकिस्‍तान में उनकी पीढ़ी के पास डिजिटल आईडी और पासपोर्ट तो थे लेकिन इन्‍हें अगले कदम तक लेकर नहीं जाया जा सका। जो काम भारत की सरकार ने किया आधार कार्ड से हर नागरिक को लैस किया। इसके बाद जीरो बैलेंस और जीरो कीमत की लागत से बैंक अकाउंट खुलवाया गया। भारत सरकार ने अपनी जनता को वह जरूरी इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर मुहैया कराया जिसकी मदद से अर्थव्‍यवस्‍था पूरी तरह से डिजिटाइज हो सकी।

पुश्‍तैनी गांव में पहुंचे उजैर

उजैर ने अपने पुश्‍तैनी गांव घेड बगसरा का दौरा भी किया जो कि राजकोट में है। वह यहां पर आकर भी काफी हैरान थे। उन्‍होंने बताया कि इस गांव की आबादी सिर्फ तीन हजार है मगर इन सभी लोगों के पास 4जी नेटवर्क है। उजैर के पिता ने उनसे कहा था कि वह उस दरगाह का भी दौरा करें जहां पर उनके पूर्वजों को दफनाया गया था। वह यह देखकर काफी इमोशनल हो गए कि दरगाह गांव में मौजूद है। उजैर ने गांव के एक नागरिक गोविंद भाई का जिक्र किया। गोविंद भाई, उजैर को अपने घर लेकर गए थे। गोविंद भाई उन्‍हें उन पुराने घरों का टूर कराया जो उनके पूर्वजों से जुड़े थे।

आज भी कायम है दरगाह

उजैर इस बात को देखकर भी काफी हैरान थे कि 3000 की आबादी वाले गांव में साक्षरता दर 90 फीसदी का आंकड़ा छूने जा रही है। ऐसा गांव जहां लोग गरीब हैं, वहां शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। उजैर को गोविंद भाई उनके पूर्वजों की दरगाह पर लेकर गए। उस दरगाह को काफी संरक्षित करके रखा गया है। वह काफी इमोशनल हो गए कि 500 से 600 साल पुरानी दरगाह को इतने सलीके से रखा गया है। पास में मंदिर के एक पुजारी से भी उजैर ने बात की। दरगाह को आज भी काफी संभालकर रखा गया है। मुसलमानों की इस विरासत को इतनी अच्‍छी हालत में देखकर उजैर को एकबार को यकीन नहीं हुआ।

Compiled: up18 News