अयोध्या: निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को

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आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट समिति की 2 दिवसीय बैठक शुक्रवार को शुरू हुई है, जिसके बाद खन्ना का ट्वीट सामने आया है। राम मंदिर में नई और पुरानी दोनों राम प्रतिमाओं की स्थापना करने की योजना बनाई गई है।

सूर्य की किरणें करेंगी रामलला की मूर्ति का अभिषेक

राम मंदिर के गर्भगृह को इस प्रकार से बनाया जा रहा है कि रामलला की मूर्ति पर रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे अभिषेक करें। उस दिन सूर्य की किरणें श्रीराम के ललाट पर 5 मिनट तक रहेगी। इसे ‘सूर्य तिलक’ कहा गया है।

60 मिलियन वर्ष पुराने पत्थर से बनी श्रीराम की मूर्ति

भगवान राम और सीता मां की मूर्तियों को बनाने के लिए शालिग्राम के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। मूर्तियों को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, वे नेपाल से लाए गए हैं। ये पत्थर करीब 60 मिलियन वर्ष पुराने हैं और नेपाल की काली गंडकी नदी में खोजे गए थे।

भगवान राम की मूर्ति की ऊंचाई 5 से 5.5 फीट के बीच होगी। भगवान राम की ऊंचाई इस तरह से चुनी गई है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे भगवान राम के माथे पर पड़े। इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति स्थापित करेंगे।

Compiled: up18 News