ज्ञानवापी विवाद पर राम विलास वेदांती का बड़ा बयान, बोले- मंदिरों के ऊपर बनाई गई हैं 90 फीसदी मस्जिदें

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इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया था। सीएम योगी ने ज्ञानवापी को मस्जिद न कहने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी में देव प्रतिमाएं हैं। ज्योतिर्लिंग मौजूद है। अगर आप उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। सीएम योगी के इस बयान ने प्रदेश में एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है।

वेदांती ने किया सीएम योगी के बयान का समर्थन

सीएम योगी के बयान का समर्थन करते हुए रामविलास वेदांती ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के साथ हैं। उन्होंने जिस प्रकार का बयान दिया है, वह स्वागतयोग्य है। इससे आगे बढ़ते हुए वेदांती ने कहा कि देश के 90 फीसदी मस्जिदों का निर्माण मंदिरों को तोड़कर किया गया है।

राम विलास वेदांती ने ज्ञानवापी का अर्थ समझाते हुए कहा कि इसका अर्थ होता है ज्ञान का खजाना, ज्ञान का भंडार। ज्ञान और वापी शब्द किसी भी मुस्लिम धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा गया है। ऐसे में ज्ञानवापी को मस्जिद के रूप में कैसे देखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी की दीवारों पर धार्मिक चिह्न दिखते हैं। वहां त्रिशूल के निशान मौजूद हैं। देवी-देवताओं की प्रतिमाएं अंकित हैं। किसी मस्जिद में भगवान की तस्वीरें मिलना कितने आश्चर्य की बात है। दुनिया के किसी मस्जिद में वाराह की मूर्ति मिले तो बता दीजिए। कहीं पर अगर डमरू, त्रिशूल और अन्य देवी-देवताओं की तस्वीरें मिले तो दिखा दीजिए। उन्होंने साफ कहा कि ज्ञानवापी मंदिर था और मंदिर ही रहेगा।

महंत राजू दास ने भी किया समर्थन

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी पर आए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए सीएम योगी ने सत्य बोला है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी की दीवारों पर कमल का फूल, हाथी, त्रिशूल, देवी-देवताओं की प्रतिमा का मिलना साबित करता है कि वह मस्जिद नहीं है। ज्ञानवापी की दीवारें कुछ और इशारा कर रही हैं। उन्होंने मांग की कोर्ट में जब तक मामला चल रहा है तब तक ज्ञानवापी में नमाज बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे का हल करना चाहती है, यह सबसे बड़ी बात है। मुस्लिम पक्ष की ओर से इस मुद्दे पर प्रस्ताव आना चाहिए।

ज्ञानवापी पर संत समाज का मिला समर्थन

ज्ञानवापी पर आए सीएम योगी के बयान के बाद संत समाज एकजुट हो गया है। संत समाज ने मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि दीवारें चीख-चीख कर बता रही है कि ज्ञानवापी मंदिर है। उन्होंने कहा कि उर्दू या फारसी किसी भी भाषा में ज्ञानवापी शब्द नहीं है। ज्ञान और वापी मतलब ज्ञान का अर्थ कुआं है। स्वामी ने कहा कि सीएम योगी की अपील पर मुस्लिम समाज को आगे आना चाहिए।

किन्नर अखाड़ा ने भी किया समर्थन

किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी वाले बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के प्रयासों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी के मामले में दिए गए बयान का समर्थन करती हैं। ज्ञानवापी से भोले बाबा को मुक्ति दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे। ज्ञानवापी मस्जिद में जलाभिषेक के लिए अड़ी किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर ने मंदिर के गेट नंबर 4 पर पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद खुद का जलाभिषेक किया।

Compiled: up18 News