करौली। राज राजेश्वरी मां केला माता और उत्तर भारत के प्रसिद्ध आस्था धाम में 3 साल बाद माता के श्री विग्रहों की अंगराग सेवा के चलते प्राचीन दरबार के पट 9 दिन के लिए बंद हो गए हैं जिसके चलते मां के भक्तगन मां के दर्शनों का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. लेकिन 28 मई को अंगराग कार्यक्रम के समाप्त होते ही कैला मां के भक्तगण माता के दरबार के पट खुलने से बहुत जल्द ही दर्शन लाभ उठा सकेंगे. प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के अनुसार प्रत्येक 3 वर्ष बाद माता का अंगराग किया जाता है.
21 विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ हो रही है अंगराग सेवा
राज्याचार्य पंडित प्रकाश चंद जती ने बताया कि 19 मई को सुबह होने वाली 8 बजे की आरती के बाद मां के मंदिर के पट अंगराग सेवा के चलते बंद कर दिए गए है. मां की अंगराग सेवा 21 विद्वान पंडितों द्वारा मंत्र उच्चारण, पाठ और अनुष्ठान द्वारा कराई जा रही है.
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक 21 विद्वान पंडितो द्वारा 101 दुर्गा सप्तशती पाठ, देवी भागवत मूल पाठ का पलायन, 108 भैरव नामावली प्रतिदिन, नवार्ण मंत्र के 1100 जाप प्रतिदिन, गणेश मंत्र के 1100 जाप प्रतिदिन, भद्रसूक्त व शांतिसूक्त के पाठ द्वारा माता की अंगराग सेवा कराई जा रही है.
अनुष्ठान के तहत 27 मई को कराया जाएगा माता का अभिषेक
पंडित प्रकाश चंद जती ने बताया कि अंगराग सेवा के चलते 27 मई को सुबह 10 बजे मां की प्राचीन प्रतिमा का देशभर की प्रमुख 10 नदियों और तीर्थ स्थलों के जल से अभिषेक किया जाएगा. अनुष्ठान के तहत 10 दिन तक प्रतिदिन 9 कन्या, 2 अंगुराओं, 11 ब्राह्मणों को भोजन शतचंडी यज्ञ के निमित्त, 5 ब्राह्मणों को भोजन अंगराग के निमित्त कराया जा रहा है.
मंत्र चलने तक माता को चढ़ाया जाता है नवीन चोला
पंडित प्रकाश चंद जती ने बताया कि मां के श्री विग्रहहों को मंत्र चलने तक ही नवीन चोला चढ़ाया जाता है. पाठ और मंत्र उच्चारण में विश्राम आते ही चित्रकार मां के दरबार से बाहर आ जाते हैं. उनका कहना है कि माता को चोला चढ़ाने के लिए भी दो चित्रकार तय है. जिनके द्वारा कई सालों से माता की अंगराग सेवा की जा रही है.
Compiled: up18 News