संसद सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार शनिवार को मीडिया से मुखातिब हुए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब एक रिपोर्टर ने उनसे लंदन में दिए गए भाषण को लेकर सवाल पूछा तो राहुल गांधी सीधा सपाट जबाब दिया।
राहुल गांधी से पूछा गया कि संसद में आपसे बीजेपी के नेता माफी मांगने के लिए बोल रहे थे तो आपने माफी क्यों नहीं मांगी। आप इस बारे में क्या सोचते हैं। इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने जवाब दिया कि ‘राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं।’
एक पत्रकार के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘भैया देखिए…पहले आपका अटेंप्ट यहां से आया, दूसरा वहां से आया….डायरेक्टली बीजेपी के लिए काम क्यों कर रहे हो। थोड़ी डिस्कशन करो यार। थोड़े घूम घामकर पूछो। आपको ऑर्डर दिया है क्या। देखो मुस्कुरा रहे हैं। अगर आप बीजेपी के लिए काम करना चाहते हो तो उसका झंडा छाती पर लगा लो। फिर मैं उसी तरह जवाब दूंगा।’
चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में पार्टियों को मीडिया और बाकी संस्थाओं से जो सपोर्ट मिलता था, वह अब नहीं मिलता है। मोदी सरनेम पर सजा मिलने के सवाल पर राहुल ने कहा, ‘यह OBC का मामला नहीं है। यह मोदी जी और अडानी के रिश्ते का मुद्दा है। यह मेरी तपस्या है। जीवन की तपस्या है। चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी तपस्या करनी है।
मैं वायनाड के लोगों के लिए एक चिट्ठी लिखूंगा कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है। मुझे इसलिए डिस्क्वालिफाई किया गया कि प्रधानमंत्री मेरी अगली स्पीच से डरते हैं। वह मेरे अगले भाषण से डर रह थे जो अडानी पर होने वाला था। मैंने यह उनकी आंखों में देखा है। तो वह मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे। वह नहीं चाहते थे कि संसद में मेरा अगला भाषण हो।’
Compiled: up18 News