पंजाब की विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार को हंगामेदार रहा। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच कई दिनों से चल रहे विवाद के बाद सरकार को आज विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दी गई थी। इस दौरान मान ने जैसे ही विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अपने फैसले का खुलासा किया, तो आप सरकार की तीखी आलोचना शुरू हो गई और विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी द्वारा बुलाए गए विश्वास मत का विरोध करते हुए कहा कि विश्वास प्रस्ताव लाना राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देना है। उन्होंने कहा, “मैं सदन के पटल पर इसकी निंदा करता हूं।” कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। बाजवा ने विधानसभा के नियमों और विनियमों एवं राज्यपाल के इंकार का हवाला देते हुए राज्य सरकार के इस कदम की निंदा की।
इस बीच बीजेपी के दो विधायक अश्विनी शर्मा और जंगी लाल महाजन विधानसभा से वॉक आउट कर गए। वे इस बात का विरोध कर रहे थे कि पार्टी से किसी को भी कार्य सलाहकार समिति में शामिल नहीं किया गया था।
वहीं, स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने यह भी कहा कि सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने सत्र को 3 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है जबकि पहले सत्र के एक दिन के विस्तार का निर्णय लिया गया था।
वहीं, भगवंत मान ने भी कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। आप ने कांग्रेस और बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि दोनों पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र को रद्द करने के लिए आपस में मिल गए हैं। मान ने राजस्थान में मचे राजनीतिक बवाल को लेकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि अब वह हमें कानूनों के बारे में सिखाएंगे? पहले उन्हें अपना घर व्यवस्थित करना चाहिए।
उन्होंने “ऑपरेशन लोटस” को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा को लगता है कि हर जगह सिर्फ उन्हें ही सत्ता में होना चाहिए।
भगवंत मान और राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच नोक-झोंक के बाद मंगलवार को विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया था। विधानसभा सत्र आयोजित करने को लेकर राज्यपाल और मान के बीच कई दिनों से खींचतान चल रही थी। इसके बाद राज्यापल ने 27 सितंबर को सदन बुलाने की मंजूरी दे दी।
इससे पहले राज्य सरकार विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 22 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही थी, जिसे राज्यपाल ने खारिज कर दिया था। आप सरकार ने पहले 27 सितंबर के प्रस्तावित सत्र में पराली जलाने और बिजली क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी।
कांग्रेस विधायकों ने किया विश्वासमत का विरोध तो सदन में उतरे मार्शल, किया बाहर
आप सरकार के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान कई कांग्रेस विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ भी नारे लगाए, जिसके बाद स्पीकर संधवान ने मार्शल को सदन की कार्यवाही में बाधा ड़ालने वाले सदस्यों को बाहर निकालने के आदेश दिए।
-एजेंसी
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