जिन्ना हाउस पर हमले के मामले में PTI समर्थक फैशन डिजाइनर गिरफ्तार

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खदीजा शाह ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया, जबकि उन्होंने पहले दावा किया था कि वह खुद उनके सामने पेश होंगी। उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पीटीआई प्रमुख इमरान खान को इसी महीने नौ मई को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पूरे पाकिस्तान हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए थे। उनकी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने जिन्ना हाउस में घुसकर आग लगा दी थी और कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया था। पंजाब के अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि सैन्य प्रतिष्ठान पर हमले के मामले में शामिल महिलाओं को हर कीमत पर गिरफ्तार किया जाएगा।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिकआत्मसमर्पण से कुछ दिन पहले  सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो क्लिप में शाह को यह बताते हुए सुना जा सकता है कि उनके परिवार को इन दिनों कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने स्वीकार किया कि वह पीटीआई की समर्थक हैं और लाहौर कोर कमांडर हाउस के बाहर प्रदर्शन का हिस्सा थीं लेकिन उन्होंने लोगों को हिंसा के लिए उकसाने सहित कुछ भी गलत करने से इंकार किया।

खदीजा शाह ने रविवार को एक वॉयस नोट जारी करते हुए कहा कि वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने जा रही हैं और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। शाह ने स्वीकार किया कि उन्होंने गुस्से और भावना में सैन्य नेतृत्व के खिलाफ ‘अनुचित’ ट्वीट किए थे लेकिन अब उन्हें हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘मैं पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने जा रही हूं। मैंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि पिछले पांच दिन मेरे लिए काफी मुश्किल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘वे (अधिकारी) आधी रात को मेरे घर में घुसे और मेरे पति व पिता का अपहरण कर लिया। उन्होंने हमारे बच्चों के सामने मेरे पति के साथ मारपीट की… मेरे घरेलू नौकरों को भी यातनाएं दी गईं। पीटीआई समर्थक ने आगे कहा कि उन्होंने किसी भी कानून या देश के संविधान का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने पिछले साल पीटीआई के कई विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया था।

शाह, डॉ. सलमान शाह की बेटी हैं जो पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की वित्तीय टीम के सदस्य थे और पंजाब में उस्मान बुजदार सरकार के दौरान सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं। वह एक पूर्व सेना प्रमुख की पोती भी हैं। सेना और संघीय सरकार ने फैसला किया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल सभी उपद्रवियों पर पाकिस्तान सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

Compiled: up18 News