राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सतनाम सिंह संधू को किया राज्यसभा के लिए मनोनीत

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आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं सतनाम सिंह सिंधू

सतनाम सिंह संधू चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में काम किया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि किसान के बेटे संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं।

इसमें कहा गया है, ‘संधू एक किसान भी हैं और शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने संघर्ष किया। उन्हें 2001 में मोहाली में ‘चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज’ (सीजीसी) की स्थापना और 2012 में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना का श्रेय जाता है।’

बयान के अनुसार वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों ‘इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन’ और ‘न्यू इंडिया डिवेलपमेंट फाउंडेशन’ के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
सतनाम सिंह संधू का बचपन बहुत मुश्किलों में गुजरा। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। बचपन में किए संघर्षों की वजह से वह आगे चलकर समाजसेवी बन गए। वह अक्सर स्टूडेंट्स को वित्तीय सहायता देते हैं।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संधू के राज्यसभा के लिए नामांकन का स्वागत किया। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘सामुदायिक सेवा में उनका समृद्ध कार्य और शिक्षा, नवाचार और सीखने के प्रति उनका जुनून राज्यसभा के लिए ताकत का बड़ा स्रोत होगा। मैं उनके कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राष्ट्रपति ने संधू को राज्यसभा के लिए नामित किया है। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में स्थापित किया है। वह विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है।’ मोदी ने संधू को उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि उन्हें विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी।

-एजेंसी