इमरान पर अब दो काले कानून लगाने की तैयारी, मौत और आजीवन कारावास का प्रावधान

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पाकिस्‍तानी आर्मी एक्‍ट आमतौर पर उन लोगों के खिलाफ लगाया जाता है जो सेना में कार्यरत होते हैं। सेना के आंतरिक जांच में इस अधिकारी का ट्रायल किया जाता है। इस बेहद सख्‍त कानून के तहत दोषी पाए जाने पर एक अधिकारी को कोर्ट मार्शल के जरिए बेइज्‍जत करके सेवा से हटाया जा सकता है। यह कानून आमतौर पर नागरिकों के खिलाफ नहीं लगाया जा सकता है लेकिन इसके कुछ ऐसे प्रावधान हैं जिसके तहत सेना को अधिकार है कि वह आम आदमी का भी कोर्ट मार्शल कर सकती है। जनरल बाजवा के कार्यकाल में एक आम आदमी के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई भी हो चुकी है।

पाकिस्‍तान का ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट क्‍या है?

वहीं ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट और उसकी धाराएं राजद्रोह, निगरानी और जासूसी से जुड़ी हुई हैं। इसमें दोषी पाए जाने पर भी मौत की सजा हो सकती है। अब यह दोनों ही काले कानून इमरान खान और उनके समर्थकों पर लगाए जाने की तैयारी सेना कर चुकी है। इसी को देखते हुए राष्‍ट्रीय सुरक्षा कमेटी की बैठक होने वाली है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्‍यक्षता में आज शाम को होने वाली इस बैठक में असीम मुनीर समेत तीनों ही सेनाओं के चीफ मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इसमें इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अहम फैसला हो सकता है।

खुद को इमरान खान को डर सता रहा है कि उन्‍हें 10 साल के लिए जेल भेजा जा सकता है। इससे पहले पाकिस्‍तान के दोस्‍त मुल्‍क संयुक्‍त अरब अमीरात ने जनरल मुनीर से बात की थी और विवाद को खत्‍म कराने की कोशिश की थी।

जनरल मुनीर ने इस सलाह को ठुकरा दिया था। पाकिस्‍तानी सेना ने कहा है कि सेना के नेतृत्‍व के खिलाफ दुष्‍प्रचार किया गया और आर्मी तथा जनता के बीच खाई को बढ़ाने की कोशिश की गई है। पाकिस्‍तानी सेना ने फैसला किया है कि अब इमरान खान समर्थकों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

इमरान खान ने सेना पर बोला हमला

इस बीच इमरान खान ने अपने कार्यकर्ताओं से सर्वोच्च न्यायालय और पाकिस्तान के संविधान की पवित्रता को मौजूदा ‘खतरे’ के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इमरान ने एक ट्वीट में कहा, ‘सभी नागरिक शांतिपूर्ण विरोध के लिए तैयार रहें क्योंकि एक बार फिर संविधान और सुप्रीम कोर्ट नष्ट हो गए हैं। यह पाक के सपने का अंत है।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद हुए दंगों के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की निंदा की।

इमरान ने कहा कि तो इस बात की कोई जांच किए बिना कि सरकारी भवन पर आगजनी या गोली लगने से निहत्थे प्रदर्शनकारियों की दर्जनों मौतों के लिए कौन जिम्मेदार था, लगभग 7,000 पीटीआई कार्यकर्ताओं,नेताओं और हमारी महिलाओं को पाकिस्तान में सबसे बड़ी और एकमात्र संघीय पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की योजना के साथ जेल में डाल दिया गया है। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने देश के सुरक्षा बलों पर संघीय सरकार के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने संविधान के विध्वंस के रूप में वर्णित किया।

Compiled: up18 News