प्रीमैच्योर बच्चे के पैदा होने की संभावना को कम करने में मदद करता है प्रीनेटल योग

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सांस लेना: इस योग से आपको नाक के द्वारा धीमी गति से और गहरी सांस लेने और छोड़ने में सहायता मिलेगी। प्रीनेटल (प्रसव-पूर्व) योग की सांस लेने की तकनीक आपको गर्भावस्था के दौरान सांस लेने में होने वाली तकलीफ में मदद करेगा और प्रसव के दौरान संकुचन के द्वारा काम करेगा।

शरीर को आराम से और धीरे से स्ट्रेच करना: ये योग आपको शरीर के विभिन्न हिस्सो में जैसे गर्दन, बाजू इत्यादि को धीरे-धीरे हिलाने या स्ट्रेच करने में मदद करेगा।

आसन: इस योग में शरीर को मजबूती, लचीलापन और संतुलन के विकास के लिए जब आप खड़ी होती हैं, बैठती हैं या जमीन पर लेटती हैं तो, आपको अपने शरीर को अलग-अलग अवस्था में धीरे-धीरे ले जाना होता है।

मन को शांत रखना और आराम देना: प्रीनेटल (प्रसव-पूर्व) योग के हर अंतिम सत्र में आप अपनी मांसपेशियों को आराम देंगी और दिल की धड़कन और गति को फिर से वापस सामान्य करेंगी। इस योग में अपनी सांस को सुनने, अपनी संवेदनाओं, विचारों और भावनाओं पर करीब से ध्यान देने या किसी मंत्र या शब्द को दुहराने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि आप स्व-जागरूकता की अवस्था या आंतरिक शांति को पा सकें।

-एजेंसी