प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा कल से फिर होगी शुरू, एनआरआई सोसाइटी के सामने से ही जाएंगे संत

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प्रेमानंद महाराज के भक्तों के लिए अच्छी खबर है. 4 फरवरी से अनिश्चतकाल के लिए बंद की गई रात्रि दो बजे प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा आज रात यानी मंगलवार रात 2 बजे फिर से शुरू होने जा रही है और ये पदयात्रा अपने उसी मार्ग से निकलेगी जिस मार्ग से पहले निकलती थी. एनआरआई सोसाइटी के प्रेसिडेंट की ओर से गलती की माफी मांगने और फिर से पदयात्रा शुरू करने के अनुरोध के बाद यह पदयात्रा फिर से शुरू की जा रही है.

4 फरवरी से प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई थी. इसका कारण था पदयात्रा मार्ग में पड़ने वाली एनआरआई सोसाइटी के लोगों का विरोध. यहां के रहने वाले लोगों ने रात्रि पदयात्रा का विरोध जताया था जिसके अगले दिन से ही प्रेमानंद महाराज की ओर से इसे बंद कर दिया गया था. बाद में प्रेमानंद महाराज अपनी कार से सुबह 4 बजे प्रेम मंदिर से होने वाले रास्ते की ओर से जाने लगे थे. इधर रात्रि पदयात्रा बंद होने से श्रद्धालुओं में निराशा छा गई थी. यह मामला देश में तूल पकड़ गया और आसपास के दुकानदारों ने एनआरआई सोसाइटी के लोगों का बहिष्कार कर दिया था.

भारी विरोध के बाद एनआरआई सोसाइटी के अध्यक्ष ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और अपनी गलती की क्षमा मांगी. उन्होंने कहा कि ​यूट्यूबरों द्वारा भ्रम फैलाने के कारण उन्होंने ऐसा कर दिया था लेकिन अब पश्चाताप हो रहा है. आप हमारी धरोहर हैं और हम ब्रजवासी आपसे फिर अनुरोध करते हैं कि यह पदयात्रा फिर से शुरू की जाए.

सोमवार को कॉलोनी के आसपास रहने वाले लोग भी महाराज से मिलने पहुंचे और पदयात्रा शुरू करने की प्रार्थना की। कहा कि किसी बृजवासी को आपकी पदयात्रा से कोई दिक्कत नहीं है। संकीर्तन की यह नगरी है, यहां तो कीर्तन और भजन संध्या तो होगी ही। यह सभी तो राधा रानी सरकार की धरोवर है। अगर कोई आपका विरोध कर रहा है तो वह बृजवासी हो ही नहीं सकता है। कहा कि एक लाख से ज्यादा लोग आपका दर्शन करने आते हैं। रोज आ रहे एक लाख लोगों का यह विरोध है। बिना किसी धक्कामुक्की के इतनी बड़ी संख्या में लोग आपका दर्शन करते हैं।

इस पर महाराज ने कहा कि आपका यहां आना ही काफी है। हम कल से पदयात्रा शुरू करेंगे। कल ठीक दो बजे अपने गेट से बाहर निकल जाएंगे। महाराज ने कहा कि हमारा काम है सभी को सुख देना। किसी को दुख नहीं दे सकते हैं। जब विरोध शुरू हुआ तो हमने पदयात्रा बंद कर दी। कहा कि लाखों लोग बाहर से आ रहे हैं। कोई कीर्तन कर रहा है, कोई नाच रहा है। हमें तो लगता था कि यह तो महाउत्सव है। लेकिन किसी को दुख हो रहा है तो हम सब बंद कर सकते हैं। हम किसी को दुख नहीं दे सकते हैं। बृजवासी तो हमारे अराध्य देव हैं। उनको कैसे हम दुख दे सकते हैं। अगर वह हमें गाली दें तब भी सिर झुकाकर उनके सामने रहेंगे। हमने विरोध करने पर एक शब्द भी नहीं कहा।

एनआरआई ग्रीन के लोगों ने क्यों किया विरोध?

दरअसल प्रेमानन्द महाराज छटीकरा मार्ग पर श्री कृष्ण शरणम स्थित अपने निवास से रोजाना रात्रि दो बजे परिक्रमा मार्ग स्थित श्री हित राधा केली कुंज आश्रम पैदल चलते हुए जाते हैं। इस दौरान महाराज का दर्शन करने रात में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। महाराज की पदयात्रा के दौरान काफी पहले ही श्रद्धालुओं का हुजूम मार्ग पर जमा हो जाता है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए महाराज के परिकर पदयात्रा मार्ग के दोनों ओर रस्सी की बैरिकेडिंग करते हैं।

इस दौरान महाराज के स्वागत के लिए श्रद्धालु ढोल-नगाड़े भी लेकर पहुंचते हैं और उनके आने से बहुत पहले से लेकर जाने तक बजाते हैं। म्यूजिक सिस्टम भी बजाए जाते हैं। रोजाना रात में इस तरह से शोर होने के कारण एनआरआई ग्रीन्स सोसाइटी की तरफ से विरोध हुआ था। इसके बाद आश्रम की ओर से पदयात्रा बंद करने की सूचना जारी कर दी गई थी।

सोसाइटी की महिलाओं ने हाथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। महिलाओं का कहना था कि बहुत ज्यादा शोर शराबा होता है और लोग ढंग से सो नहीं पा रहे हैं। सुबह बच्चों को स्कूल भेजने में भी परेशानी होती है। रात में ठीक से सो नहीं सकने के कारण पूरा दिन खराब होता है। काम पर जाने में देरी हो जाती है।

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