देश की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार है मुर्गी पालन कारोबार: केंद्रीय मंत्री रूपाला

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रूपाला ने राज्यसभा में शून्काल के दौरान यह बात कही। वह मुर्गी पालन कारोबार को पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम (संशोधन) अधिनियम 2022 में शामिल किए जाने के प्रति द्रविड़ मुनेत्र कषगम के सदस्य केआरएन राजेश द्वारा जताई गई चिंता का जवाब दे रहे थे।

राजेश ने कहा कि पशुपालन मंत्रालय ने पशुओं के प्रति क्रूरता (पीसीए) संशोधन विधेयक, 2022 का मसौदा तैयार करने के अपनी वेबसाइट के जरिए हितधारों से सुझाव मांगा हैं।

उन्होंने कहा कि मुर्गी पालन से जुड़े लोग इससे चिंतित है और उनकी मांग है कि इस प्रस्तावित अधिनियम में मुर्गी पालन को शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

ज्ञात हो कि मुर्गी पालन को विनियमित करने के लिए सरकार ने पीसीए संशोधन विधेयक का मसौदा जारी किया है और इस पर सभी हितधारकों से सुझाव मांगे है।
राजेश ने कहा कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा अंडा उत्पादक देश है और यह 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर का उद्योग है।

उन्होंने कहा कि भारत बड़ी संख्या में मुर्गे के मांस और अंडों का निर्यात भी करता है और देश में तमिलनाडु सबसे अधिक अंडा उत्पादन करता है।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के सिर्फ नमक्कल जिले में एक दिन में करीब छह करोड़ अंडा उत्पादन होता है और देश भर के करीब 20 लाख परिवार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस उद्योग से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि विधेयक का मसौदा मुर्गी पालन किसानों की चिंताओं का समाधान ढूंढ़े में विफल रहा है।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह महत्वपूर्ण हितधारकों को आमंत्रित करे और उनके सुझावों को इस विधेयक में समाहित करे।

राजेश ने मांग की कि इस प्रस्तावित विधेयक में मुर्गी पालन कारोबार को नहीं शामिल किया जाना चाहिए।
इस पर रूपाला ने कहा कि वह पूरे देश के मुर्गी पालन किसानों को आश्वासन देना चाहते हैं कि कानून में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया जाएगा, जिससे उनके हितों को नुकसान पहुंचे।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का कतई ऐसा कोई इरादा नहीं है। हम ऐसा कुछ भी नहीं होने देंगे। वेबसाइट के जरिए हमने सुझाव मांगे हैं। हम राज्य सरकारों से भी प्रतिक्रिया अवश्य लेंगे। किसानों की प्रतिक्रिया भी लेंगे। और इसके बाद ही कुछ करना होगा तो करेंगे।’’

रूपाला ने कहा, ‘‘मुर्गी पालन करने वाले किसानों के हित में जो करना होगा हम करेंगे। ये किसान देश के अर्थतंत्र का बहुत बड़ा स्तंभ है, उसे और मजबूत करेंगे।’’

उन्होंने मुर्गी पालन कारोबार को दुग्ध उत्पादन से जोड़े जाने पर भी आपत्ति जताई और आग्रह किया वे दोनों की तुलना ना करें क्योंकि दुग्ध उत्पादन में गाय और भैंस शामिल हैं।

Compiled: up18 News