संभल हिंसा को लेकर अब प्रदेश की राजनीति गरमाने लगी है। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में सपा का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हिंसा की वजह जानने के लिए जिले का दौरा करने वाला था, लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि सपा प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने से रोक दिया गया है। साथ ही माता प्रसाद पांडे के घर के बाहर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है।
संभल जाने से रोकने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए हैं। इसमें विधायक रविदास मल्होत्रा भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि संभल के लोगों को इंसाफ दो। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराई जाए। मृतक परिवार के लोगों को एक करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएं।
लाल बिहारी यादव ने बताया कि पुलिस ने हमें संभल के डीएम का एक पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि 10 दिसंबर तक संभल में प्रवेश निषेध है। इसके अलावा सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस लगा दी गई है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के सेक्टर-11 वृंदावन योजना स्थित आवास के बाहर रात से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। अभी पुलिस बाहर तैनात है। पुलिस ने उन्हें संभल के डीएम का एक लेटर उपलब्ध कराया है।
डीएम द्वारा जारी इस लेटर में कहा गया है कि 10 दिसंबर तक बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन, या फिर जनप्रतिनिधि का जिले की सीमा में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि हमें कोई लिखित नोटिस तो दिया नहीं है। सिर्फ ऐसे ही बात करते हैं। बस घर के बाहर पुलिस लगा दी। नियमानुसार हमें नोटिस देनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अन्य सभी लोग जा रहे हैं। लेकिन, हमारे जाने से अशांति पैदा हो जाएगी। यह सरकार अपने कार्यों पर पर्दा जालने के लिए जानबूझकर यह कर रही है।
डिविजनल कमिश्नर के बयान पर कहा कि वह तो उधारू कमिश्नर हैं। वह यहां के नहीं हैं। उधार पर आए हैं। इसलिए हमारे प्रदेश के लिए उनकी उतनी जिम्मेदारी नहीं है।
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