शनिवार सवेरे जी-20 सम्मेलन के लिए सभी विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और प्रतिनिधियों के प्रगति मैदान पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद प्रगति मैदान पहुंचे. यहां बने भारत मंडपम में उन्होंने एक के बाद एक सभी विदेशी नेताओं का स्वागत किया. स्वागत कार्यक्रम के लिए जो मंच तैयार किया गया है उसमें पीछे कोणार्क चक्र की तस्वीर लगाई गई है.
कोणार्क चक्र पहली बार 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव प्रथम के शासन काल में बनाया गया था. 24 तीलियों वाले कोणार्क चक्र को बाद में भारत के तिरंगे में जगह दी गई है.
ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, यहां की सभ्यता और स्थापत्य कला को दर्शाता है. माना जाता है कि कोणार्क चक्र के घूमने की तुलना कालचक्र से की जाती है और इसे आगे बढ़ने और बदलाव के रूप में देखा जाता है.
पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्तज़, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी, कनाडा के प्रधानमंच्री जस्टिन ट्रूडो का स्वागत किया.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लैवरॉव, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामोफोसा और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी सम्मेलन के लिए भारत मंडपम पहुंचे.
इनके अलावा ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ और चीनी प्रीमियर ली चियांग भी भारत मंडपप पहुंचे, जिनका पीएम मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. उनकी जगह पर चीनी प्रीमियर ली चियांग सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं.
Compiled: up18 News