केरल पहुंचे पीएम मोदी, मिशन गगनयान के जांबाज एस्ट्रोनॉट्स को क‍िया सम्मान‍ित

National

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को आज सम्मानित किया। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान की तैयारियों की समीक्षा की।

इस दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के सीएम पी विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।

गगनयान मिशन क्या है?

गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन को इस साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य है, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

रूसी मिशन सोयुज एमएस-10 मिशन को 11 अक्तूबर 2018 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन में रूसी एजेंसी रोस्कोस्मोस ने अपने सदस्य अलेक्सेय ओवचिनीन और नासा ने अपने सदस्य निक हेग को भेजा था। टेक-ऑफ के बाद मिशन कंट्रोल ने घोषणा की कि एक बूस्टर फेल हो गया। 35 वर्षों में पहली बार हुआ जब कोई रूसी बूस्टर असफल हुआ लेकिन क्रू लॉन्च एस्केप सिस्टम की वजह से क्रू बचने में सफल रहे।

लॉन्चिंग के बाद क्रू कैप्सूल को लॉन्च व्हीकल से अलग कर लिया गया था। यही वजह है कि इसरो ने रूस के अनुभव से सीख ली है कि मानव मिशन में क्रू की सुरक्षा सर्वोपरी होनी चाहिए।

गगनयान के सफल होते ही खास सूची में शामिल हो जाएगा भारत

गगनयान मिशन सफल होता है, तो भारत उन देशों की एक खास सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने खुद चालक दल अंतरिक्ष यान लॉन्च किया है।

वर्तमान में ऐसा मुकाम हासिल करने वाले देश केवल अमेरिका, रूस और चीन ही हैं। कैप्टन राकेश शर्मा अंतरिक्ष मे जाने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं। 1984 में इसरो और रूस के इंटरकस्मिक कार्यक्रम के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ दिन तक अंतरिक्ष में रहे। राकेश उस समय भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक थे। वहीं कल्पना चावला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जरिए अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उनके अलावा सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष जाने वाली दूसरी भारतवंशी महिला हैं।

– एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.