महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने 2014 में भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे को दिया और कहा कि देश में महंगाई तथा युवाओं के लिए रोजगार प्रधानमंत्री की शैक्षणिक डिग्री से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
पवार की टिप्पणी सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) से अलग है, जिसके नेता संजय राउत ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देनी चाहिए और उनकी डिग्री को संसद भवन के प्रवेश द्वार पर लगा देना चाहिए।
विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि 2014 में क्या लोगों ने उनकी डिग्री देखकर उन्हें (मोदी को) वोट दिया था? 2014 में उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक ऐसा करिश्मा दिखाया जो भाजपा के पास नहीं था। इसका पूरा श्रेय नरेन्द्र मोदी साहब को दिया जाना चाहिए।
गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया था। अदालत ने केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
पवार ने कहा कि वहां डिग्री का क्या काम है? अभी तक हमारे लोकतंत्र में संसद में बहुमत को अहम माना जाता है। लोकसभा में जिसके पास बहुमत होता है, वह सरकार का प्रमुख बनता है। इसी तरह हमारे राज्य में जो 145-146 विधानसभा सीटें जीतता है, वह मुख्यमंत्री बनता है।
पवार ने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। युवाओं के मुद्दों, राज्य के विभिन्न विभागों में 75,000 सीटें भरने की घोषणा, किसानों और मजदूरों के मुद्दों का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि कोई भी इस पर चर्चा नहीं करना चाहता। मुझे नहीं लगता कि इस (मोदी की शैक्षणिक डिग्री) मुद्दे को महत्व दिया जाना चाहिए।
Compiled: up18 News