पटियाला हाउस कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को 7 दिनों की NIA हिरासत में भेजा

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एनआईए पुराने केस में क्यों कर रही गिरफ्तार ?

लॉरेंस के वकील विशाल चोपड़ा ने बताया कि एनआईए ने लॉरेंस को आरसी-37 में गिरफ्तार किया है. ये मामला (आरसी-37) वर्ष 2022 में दर्ज किया गया था. जबकि लॉरेंस को आरसी-39 में एनआईए ने पहले ही गिरफ्तार किया था. उस मामले में कभी ये बात निकल कर नहीं आयी थी.

हमने अदालत के सामने इस बात को रखते हुए विरोध किया कि आरसी-37 पहले से दर्ज है, जब आरसी-39 के मामले में ऐसी कोई बात सामने नहीं आयी तो फिर उससे पुराने मामले में एनआईए लॉरेंस को क्यों गिरफ्तार कर रही है और क्यों उसे रिमांड पर लेना चाहती है.

एनआईए ने वर्ष 2023 में झज्जर के रहने वाले एक दीपक को गिरफ्तार किया था, जिसने पूछताछ में ये खुलासा किया कि वो लॉरेंस गैंग के लिए शूटर के तौर पर काम करता रहा है. इसके अलावा उसके संबंध खालिस्तानी समर्थित प्रतिबंधित संगठनों के संचालन करने वाले रिन्दा और लांडा से भी है.

दीपक के खुलासे पर लॉरेंस हुआ गिरफ्तार

दीपक के इसी खुलासे को आधार बनाते हुए एनआईए ने लॉरेंस को गिरफ्तार किया है.वकील विशाल चोपड़ा ने बताया कि अदालत ने निर्देश दिया है कि हर 24 घण्टे में 2 बार लॉरेंस का मेडिकल कराया जाए. उसके वकील प्रतिदिन आधे घंटे के लिए लॉरेंस से मिल सकते हैं. हमारे विरोध को देखते हुए अदालत ने एनआईए को ये भी कहा है कि 7 दिन के बाद जब लॉरेंस को अदालत में पेश किया जाए तो एनआईए उसके खिलाफ सबूत भी एकत्र करके लाये.

अतीक अहमद मर्डर और लॉरेंस का नाम

दरअसल में  सोशल मीडिया पर अतीक अहमद मर्डर में लॉरेंस का नाम लिया जा रहा है.  लॉरेंस के वकील विशाल चोपड़ा ने कहा कि अतीक अहमद की हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर लॉरेंस का नाम भी घसीटा जा रहा है. कहा जा रहा है कि जिस ब्रांड की पिस्तौल से अतीक की हत्या हुई, उसी पिस्तौल से मुसेवाले की हत्या की गई थी.

हम ये कहना चाहते हैं कि अभी तक किसी जांच एजेंसी ने ऐसी बात नहीं कही है और न ही हमसे कोई संपर्क किया है. अगर कोई भी जांच एजेंसी इस संबंध में कोई पूछताछ करना चाहेगी तो उसमें हमारी तरफ से सहयोग रहेगा.

– एजेंसी


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