पाकिस्तान आर्थिक संकट से डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। पाकिस्तान के दोस्त मुल्कों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन ने अब साफ कर दिया है कि वे शहबाज सरकार को खैरात नहीं देने जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों यूएई का दौरा किया था लेकिन वह बेकार रहा। यही नहीं, यूएई के राष्ट्रपति पाकिस्तान के दौरे पर आने वाले थे लेकिन उन्होंने अपना दौरा ही रद्द कर दिया। अब थक हारकर शहबाज सरकार यूएई को पाकिस्तान की 5 बड़ी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। पाकिस्तान आईएमएफ से भी लोन के लिए बातचीत कर रहा है।
शहबाज सरकार ने पाकिस्तान की सरकारी तेल और गैस कंपनी, पाकिस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड, नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन, पाकिस्तान नेशनल शिपिंग कार्पोरेशन में हिस्सेदारी बेचने के लिए यूएई को प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सरकार ने कथित रूप से यूएई की दो कंपनियों को इन पाकिस्तानी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव दिया है। इससे पहले सऊदी अरब और यूएई ने साफ कह दिया था कि वह अब फ्री में पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद नहीं देंगे।
सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेच रहे शहबाज
इसके बाद अब पाकिस्तान सरकार यूएई को अपनी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ की यूएई की यात्रा के दौरान यह प्रस्ताव दिया गया। पाकिस्तान ने यूएई से मांग की थी कि पाकिस्तानी सामानों को यूएई के बाजार में और ज्यादा पहुंच दी जाए।
शहबाज शरीफ ने यूएई की दो बड़ी कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी और उन्हें सोलर पॉवर, एयरपोर्ट प्रबंधन आदि में निवेश करने के लिए प्रस्ताव दिया था। यूएई की इन दिग्गज कंपनियों के पास 300 अरब डॉलर का निवेश पोर्टफोलियो है।
यूएई की इन कंपनियों ने पाकिस्तान की फायदे में चल रही कंपनियों में निवेश की इच्छा जताई है। शहबाज शरीफ चाहते थे कि यूएई के राष्ट्रपति से पाकिस्तान आने पर और ज्यादा लोन के बारे में बात करेंगे लेकिन शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने ऐन मौके पर अपने दौरे को ‘खराब मौसम’ बताकर रद कर दिया। इससे शहबाज सरकार को भारी बेइज्जती का सामना करना पड़ा है। यूएई पहले ही पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का नया लोन देने का ऐलान कर चुका है। साथ ही 2 अरब डॉलर के पुराने लोन को वापस नहीं मांगा है।
आईएमएफ की शरण में गया पाकिस्तान
पाकिस्तान अपनी राजधानी इस्लामाबाद के एयरपोर्ट का मैनेजमेंट यूएई की कंपनी को देना चाहता है। पाकिस्तान यह भी चाहता है कि यूएई के साथ उसका व्यापार 10.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाए। पाकिस्तान को कहीं भी लोन नहीं मिलने के बाद अब उसे फिर से आईएमएफ की शरण में जाना पड़ा है जिसने पाकिस्तान सरकार को कई सौ अरब डॉलर के नए टैक्स लगाने के लिए कहा है। यही वजह है कि पेट्रोल की कीमतों में भारी इजाफा किया गया है।
Compiled: up18 News