पाकिस्तान वैश्विक मंच पर जब भी मौका मिलता है तो वह इसका इस्तेमाल ‘कश्मीर’ मुद्दे का राग अलापने के लिए करने लगता है. आर्थिक संकट और आतंकवाद से जूझ रहे पाकिस्तान की हर जगह किरकिरी हो रही है कोई भी देश इसे कर्ज देने कतरा रहा है, महंगाई आसमान छू रही है, आम जनता त्रस्त है लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत इतने संकट के बावजूद ‘कश्मीर’ पर रोना रोता रहता है. अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बैठक में भी उसने ये मुद्दा उठाने की कोशिश की थी. लेकिन न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय बल्कि खुद पाकिस्तानी भी अक्सर अपनी हुकूमत को आईना दिखा देते हैं.
370 हटा और अब यूएई का निवेश
अभी हाल में पाकिस्तानी विशेषज्ञ सैयद शब्बर जैदी में पाकिस्तानी हुकूमत पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘अगर कश्मीरियों ने भारत के साथ रहने का फैसला कर लिया है तो उन्हें रहने दें.’ शब्बर जैदी यहीं नहीं रुके. उन्होंने भारत सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पहले आर्टिकल-370 हटाया गया, फिर विशेष दर्जा ख़त्म किया गया, गैर कश्मीरियों को यहां जमीन खरीदने की अनुमति मिली और यूएई कश्मीर में निवेश करने जा रहा है. 1947 के बाद से यह पहली बार होगा जब कश्मीर में विदेशी निवेश हो रहा है. उन्होंने लिखा, ‘ये चीजें कश्मीर मुद्दे को हल कर रही हैं. भारत और विश्व कश्मीर में भारी निवेश करेंगे और उसे एशिया का स्विट्जरलैंड बना देंगे.’
हर मामले में भारत आगे
जैदी ने लिखा कि भारत कश्मीर में भारी निवेश कर रहा है. लोगों के सर्वांगीण विकास पर जोर दे रहा है. अब कश्मीर के लोग ही फैसला करेंगे कि उन्हें क्या करना है? अगर उन्हें आर्थिक विकास सही लगेगा तो वे भारत के रहना पसंद करेंगे, बात ख़त्म. वहीं, जैदी ने बताया कि 2002 से 2023 तक पाकिस्तान में सैन्य शासन के अलावा विभिन्न पार्टियों ने राज किया है, लेकिन वे आज तक पाकिस्तान के लिए कुछ नहीं कर पाए वहीं इस समय काल के दौरान भारत ने हमें सभी आर्थिक पैमानों पर पीछे छोड़ दिया है. हमारे देश में कुछ आंतरिक समस्याएं है, आम आदमी की समस्या से ऊपर राजनीतिक और आंतरिक सुरक्षा. इन्हें दुरुस्त करने पर सरकार को जोर देना चाहिए.
पाकिस्तान को दिखाया आईना
शब्बर जैदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘पाकिस्तान में जो भी हुआ वह अपरिहार्य था. लेकिन अतीत अतीत होता है. दुःख की बात यह है कि अतीत से हमने कोई सबक सीखा या नहीं? सोच बदलनी होगी. सरकारें राजनीति और आर्थिक संस्थाएं हैं. विचारधारा को अपने लोगों के कल्याण के लिए बनानी होंगी. पाकिस्तान अपने संसाधन देश के कल्याण के बजाय ‘भारत’ में अशांति के लिए प्रयोग किया है और देश कि वर्तमान परिस्थिति के लिए राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक कुप्रबंधन जिम्मेदार है.
Compiled: up18 News