पाकिस्तान में जारी सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि तीन माह के अंदर देश में आम चुनाव कराना संभव नहीं है। चुनाव आयोग की तरफ से आया ये बयान इसलिए भी काफी दिलचस्प हो गया है क्योंकि रविवार को ही इमरान सरकार के सूचना प्रसारण मंत्री की तरफ से कहा गया था कि तीन माह के अंदर देश में चुनाव करवाए जाएंगे। उन्होंने अपने बयान में यहां तक कहा था कि इस बाबत जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा।
पीएम इमरान खान ने भी देश को दिए अपने अल्प संबोधन में इस बात की तस्दीक की थी लेकिन अब जबकि चुनाव आयोग ने साफ कह दिया है कि तीन माह में ये संभव नहीं है तो पाकिस्तान में जारी सियासी बवाल बढ़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला लंबित
बता दें कि नेशनल असेंबली में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। वहीं इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग करने का आदेश पारित कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने देश में चुनाव होने तक इमरान खान को केयरटेकर पीएम भी नियुक्त किया है। हालांकि इमरान खान की तरफ से देश के पूर्व चीफ जस्टिस आफ पाकिस्तान गुलजार अहमद को इस पद के लिए नामित किया गया है। वो केयरटेकर पीएम बनेंगे या नहीं, ये काफी कुछ विपक्ष की मर्जी पर भी निर्भर करता है।
आयोग ने बताई वजह
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि चुनाव आयोग ने कहा है कि क्योंकि मामला अभी कोर्ट में निलंबित है, इसलिए ऐसा करना संभव नहीं है।
पाकिस्तान के अखबार डान के मुताबिक खैबर पख्तूंख्वां में आयोग द्वारा डिलिमिटेशन का काम किया जा रहा है। यहां पर 26वें संशोधन के अंतर्गत सीटों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। इसके बाद यहां पर विधानसभा और क्षेत्र वार मतदाताओं का ब्यौरा तैयार करना भी एक बड़ी चुनौती है। आयोग ने ये भी साफ कर दिया है कि देश में आम चुनाव कराने के लिए उसको छह माह का समय चाहिए होगा। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि डिलिमिटेशन का काम काफी समय लेता है। एक माह का समय तो केवल इससे संबंधित विवादों के निपटारे के लिए ही चाहिए होगा।
चुनाव से संबंधित चीजों का इंतजाम करना एक चुनौती
इसके अलावा पोलिंग स्टाफ को ट्रेनिंग देना, बैलेट पेपर का इंतजाम करना और चुनाव संबंधित दूसरी चीजों का इंतजाम भी जल्द चुनाव करवाने में एक बड़ी समस्या है। आयोग के अधिकारी का कहना है कि चुनाव में वाटरमार्क वाला बैलेट पेपर ही इस्तेमाल किया जा सकता है और ये देश में उपलब्ध नहीं है इसलिए इसको बाहर से मंगवाना होगा। इसके लिए निविदा जारी की जाएगी, जिसके लिए समय की जरूरत होगी। चुनाव के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली करीब एक लाख पोलिंग स्टेशन के लिए करीब 20 लाख स्टेम्प पैड का भी इंतजाम करना होगा।
-एजेंसियां
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