पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि (IWT) 1960 में संशोधन की मांग वाली नोटिस पर भारत को अपना जवाब भेजा है। भारत ने 27-28 जनवरी को हेग में मध्यस्थता अदालत की सुनवाई से दो दिन पहले संधि में संशोधन के लिए 25 जनवरी को पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था।
भारत ने संधि के अनुच्छेद 12 के तहत यह नोटिस भेजा था। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने ‘सुनियोजित’ और ‘सावधानीपूर्वक’ शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया भेजी है।
पाकिस्तान का कहना है कि वह सिंधु जल के स्थायी आयोग (PCIW) के स्तर पर संधि को लेकर नई दिल्ली की चिंताओं को सुनने के लिए तैयार है।
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ‘द न्यूज’ के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल के स्थायी आयोग के स्तर पर संधि को लेकर भारत की चिंताओं को सुनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक निचले नदी तट वाला देश है जबकि भारत ऊंचे तट वाला देश है और निचले तट वाला देश सिंधु जल संधि के प्रावधानों का उल्लंघन या कोई भौतिक बाधा पैदा नहीं कर सकता है। अधिकारियों ने कहा कि संधि में बदलाव पर बातचीत को लेकर फैसला भारत की चिंताओं को सुनने के बाद ही लिया जाएगा।
भारत ने भेजा था नोटिस
पाक अधिकारियों ने कहा कि संधि के अनुच्छेद 12 के तहत, मौजूदा संधि तब तक जारी रहेगी जब तक कि विवाद के पक्ष, भारत और पाकिस्तान, द्विपक्षीय रूप से समझौते में बदलाव नहीं करते। भारत ने जनवरी में 1960 के सिंधु जल समझौते में संशोधन के लिए संधि के अनुच्छेद XII(3) के तहत पाकिस्तान को एक नोटिस जारी किया था। दरअसल पाकिस्तान ने संधि के अनुच्छेद IX का उल्लंघन किया है। भारत इस मामले को एक विशेषज्ञ के पास भेजने का अनुरोध कर रहा था। लेकिन पाकिस्तान चर्चा से इनकार करता रहा।
क्या है सिंधु जल समझौता?
2017 से लेकर 2022 के बीच स्थायी सिंधु आयोग की पांच बैठकों में से पाकिस्तान ने किसी में भी इस पर बात नहीं की। आखिरकार भारत को नोटिस भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा। 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते पर साइन किए थे। संधि के तहत सतलज, व्यास और रावी नदियों का पानी भारत के हिस्से में आता है और सिंधु, झेलम और चेनाब नदियां पाकिस्तान के हिस्से में हैं। समझौते के तहत भारत और पाकिस्तान के जल आयुक्त साल में दो बार मुलाकात करते हैं।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.