सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को मिले एक्सटेंशन रद्द कर दिए हैं। ईडी डायरेक्टर एसके मिश्रा का कार्यकाल दो-दो बार साल भर के लिए बढ़ाया गया था। SC ने केंद्र सरकार के दोनों फैसलों को ‘अवैध’ करार दिया है। हालांकि, मिश्रा को जनहित में 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की मोहलत दी गई है।
एसके मिश्रा का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला था। SC ऑर्डर से इसमें चार महीने कम हो गए हैं। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने कहा कि 2021 और फिर 2022 में एक्सटेंशन देना SC के सितंबर 2021 वाले आदेश के खिलाफ था। उस आदेश में SC ने केंद्र को मिश्रा का कार्यकाल और न बढ़ाने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) एक्ट और दिल्ली पुलिस स्पेशल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधनों को बरकरार रखा। इन बदलावों के जरिए सरकार को सीबीआई और ईडी का कार्यकाल एक-एक साल करके तीन बार बढ़ाने की ताकत मिली।
अमित शाह ने कहा, ज्यादा खुश न हों
SC के ताजा फैसले का मतलब यह है कि अब केंद्र किसी अधिकारी को पांच साल तक ED, CBI के निदेशक के पद पर रख सकता है। फैसले को केंद्र के लिए झटके की तरह देखा गया। ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाद शाह ने कहा, ‘इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से भ्रम में हैं।’
शाह ने कहा,’ सुप्रीम कोर्ट ने संसद से पारित सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) अधिनियम में संशोधन को बरकरार रखा है। भ्रष्ट और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की शक्तियां पहले जैसी हैं, क्योंकि यह ऐसी संस्था है जो किसी व्यक्ति विशेष से परे है और यह अपने मुख्य मकसद यानी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच करती रहेगी।’
Compiled: up18 News