पाकिस्तान के शीर्ष जांच एजेंसी प्रमुख ने मंगलवार को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब देने से इंकार कर दिया। दरअसल, दिल्ली में इंटरपोल महासभा में भाग ले रहे पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट से अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को लेकर पूछा गया था कि क्या वे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को भारत को सौंप देंगे? इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
भारत को सईद की भी तलाश
भारत 26/11 के मुंबई हमलों के बाद से ही हाफिज सईद को कानूनी कठघरे में खड़ा करने की लड़ाई लड़ रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा तक में समय-समय पर पाक में पल रहे आतंक की बात पूरे जोर-शोर से उठाई है। इसमें अमेरिका का भी पूरा साथ मिलता रहा है जिसने हाल ही में हाफिज के खिलाफ मुकदमा तेज करने की अपील की थी।
पीएम मोदी ने किया संबोधित
इससे पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरपोल की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है। मोदी ने भारतीय सैन्य बलों की तारीफ करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। अपनी आजादी से पहले भी, हमने दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए बलिदान दिया है। भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य कानूनों को लागू करता है।
बता दें कि महासभा इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है। इसके कामकाज से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए वर्ष में एक बार बैठक करती है। इस चार दिवसीय कार्यक्रम का समापन 21 अक्टूबर को होगा। इसमें 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। भारत में लगभग 25 वर्षों के अंतराल के बाद इंटरपोल महासभा की बैठक हो रही है। यह आखिरी बार 1997 में हुई थी।
-Compiled by up18 News
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