ज्ञानवापी मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए विहिप (विश्व हिंदू परिषद) के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि यह संतुष्टि की बात है कि काशी विश्वनाथ की पुण्य भूमि को पुनः प्राप्त करने के मुकदमे को विलंबित और लंबा करने के सभी हथकंडे ध्वस्त हो रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला जज के निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि उक्त वाद किसी भी कानून द्वारा वर्जित नहीं है।
मुकदमे में अनेक महत्वपूर्ण बिंदू उभरे हैं। कोर्ट ने कहा है कि मुकदमों के फैसले में देरी से दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है इसलिए मुकदमों का निपटारा छह महीने के भीतर किया जाए। आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस फैसले का स्वागत करती है।
हम चाहेंगे कि मुस्लिम पक्ष अब अति-तकनीकी आपत्तियां उठाने से बचे और मामले को गुण-दोष के आधार पर लड़े। उन्होंने कहा कि यही एकमात्र तरीका है, जिसके द्वारा छह महीने की नियत समय सीमा के भीतर मुकदमे का निर्णय किया जा सकता है।
-एजेंसी