वाराणसी में ज्ञानवापी के सर्वे पर भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद मस्जिद कमेटी ने ये कहा है कि ये रिपोर्ट है फैसला नहीं.
हिंदू पक्ष के वकीलों ने दावा किया है कि रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद परिसर में पहले से मंदिर था. मस्जिद इसी के अवशेषों पर बनाया गया है.
मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा है कि वो सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है और इसके बाद ही कोई टिप्पणी करेगी.
कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से एएसआई के सर्वे पर कहा, ”ये महज एक रिपोर्ट है फै़सला नहीं. कई तरह की रिपोर्टें होती हैं. ये इस मामले पर कहा गया आख़िरी फ़ैसला नहीं है.”
उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट पूजास्थल (विशेष प्रावधान) क़ानून 1991 से जुड़े मामले पर सुनवाई करेगा तो मस्जिद कमेटी अपना पक्ष रखेगी.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने कहा है कि मौजूदा ढाँचे के निर्माण से पहले वहाँ एक हिंदू मंदिर था.
वाराणसी ज़िला अदालत ने पिछले साल जुलाई में एएसआई को मस्जिद परिसर का सर्वे करने का निर्देश दिया था. अब सार्वजनिक की गई एएसआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि चार महीने के अपने सर्वे में “वैज्ञानिक अध्ययन/सर्वेक्षण, वास्तुशिल्प अवशेषों, विशेषताओं, कलाकृतियों, शिलालेखों, कला और मूर्तियों के अध्ययन के आधार पर यह आसानी से कहा जा सकता है कि मौजूदा संरचना के निर्माण से पहले यहाँ एक हिंदू मंदिर मौजूद था.”
-एजेंसी
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