पाकिस्‍तान के लिए संकट का सबब बन सकता है रूस से खरीदा जा रहा तेल

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आलम यह है कि इस फरनेस तेल पर घाटा उठाकर पाकिस्‍तानी कंपनियां विदेश निर्यात कर रही हैं। ऐसे में रूसी तेल पाकिस्‍तान के लिए संकट का सबब बन सकता है। बताया जा रहा है कि रूस ने 16 से लेकर 18 डॉलर सस्‍ते में यह तेल पाकिस्‍तान को दिया है। पाकिस्‍तान ने रूस से पहली बार यह तेल मंगाया है। अभी रूस से 45 हजार टन कच्‍चा तेल पहुंचा है। पाकिस्‍तान ने इस तेल के लिए चीनी मुद्रा युआन में यह भुगतान किया है। पाकिस्‍तान को उम्‍मीद है कि युआन में भुगतान करने से उसे विदेशी मुद्राभंडार को बचाए रखने में राहत मिलेगी लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह फायदेमंद नहीं है।

पाकिस्‍तान के लिए कैसे सिरदर्द बन सकता है रूसी तेल

पाकिस्‍तान को डॉलर बेचकर ही युआन खरीदना पड़ा है। पाकिस्‍तान के पेट्रोलियम मंत्री का दावा है कि रूसी तेल के लगातार आने पर पाकिस्‍तान में तेल की कीमतें कम होंगी। हालांकि विशेषज्ञ इस दावे को खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि खाड़ी देशों सऊदी अरब और यूएई से आने वाले तेल में फरनेस ऑयल कम निकलता है लेकिन रूस के तेल में बहुत ज्‍यादा है। रूसी तेल से 50 फीसदी फरनेस ऑयल निकलेगा। इस फरनेस तेल की पाकिस्‍तान को जरूरत नहीं है और उसे अब इस तेल को बेचना बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। पाकिस्‍तान के पहले ही इस तेल को लॉस उठाकर बेच रहा है।

पाकिस्‍तान के तेल विशेषज्ञों का कहना है कि रूसी तेल के आने पर भले ही जश्‍न मनाया जा रहा है लेकिन इससे तेल के दाम खासकर पेट्रोल और डीजल में निकट भविष्‍य में कोई कमी आती नहीं दिख रही है। ऐसे में यह रूसी तेल व्‍यवसायिक लिहाज से पाकिस्‍तान के लिए बहुत फायदेमंद नहीं होने जा रहा है। वह भी तब जब इसे मंगाने पर पाकिस्‍तान ने काफी पैसा किराए में खर्च किया है। उन्‍होंने कहा कि इसके विपरीत सऊदी तेल में 50 फीसदी हाई स्‍पीड डीजल निकलता है और केवल 25 फीसदी फरनेस ऑयल निकलता है।

Compiled: up18 News