नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के 8वीं सदी के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इस संबंध में सोमवार (01 अप्रैल) को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है जो जम्मू में होगी. इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन में दी गई. कहा जाता है कि इस मंदिर को सुल्तान सिकंदर शाह मीरी के आदेश के बाद तोड़ दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर सरकार की अधिसूचना में कहा गया, “संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने अनंतनाग में एक बैठक बुलाई है जिसमें मार्तंड सूर्य मंदिर के परिसर में सम्राट ललितादित्य मुक्तापीड की मूर्ति की स्थापना के साथ कश्मीर में प्राचीन मंदिरों की सुरक्षा/संरक्षण/पुनर्स्थापना के संबंध में चर्चा की जाएगी. ये बैठक सचिवालय में प्रधान सचिव के ऑफिस में 1 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे के आसपास होगी.”
सूर्य मंदिरों में सबसे पुराना मंदिर मार्तंड मंदिर
8वीं शताब्दी का मार्तंड मंदिर भारत के सूर्य मंदिरों में सबसे पुराना और अमूल्य प्राचीन आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है. ये एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक है. मार्तंड सूर्य मंदिर (Martand Sun Temple) भारत के जम्मू और कश्मीर प्रदेश के अनंतनाग ज़िले के मट्टन नगर के समीप स्थिती है, 8वीं शताब्दी में ललितादित्य मुक्तपीड के राजकाल में बनाया गया यह मंदिर सूर्य देवता के मार्तंड रूप को समर्पित है। इसे 15वीं शताब्दी में उस समय कश्मीर घाटी पर सत्ता करे हुए सिकंदर शाह मीरी द्वारा भारी क्षति पहुँचाई गई और इस समय यह खण्डरावस्था में है।
ललितादित्य कर्कोटा कौन थे?
ललितादित्य कर्कोटा वंश के थे जिन्होंने सातवीं शताब्दी में कश्मीर पर शासन किया था. इतिहासकार कल्हण ने अपने महाकाव्य राजतरंगिणी में इस राजवंश का उल्लेख किया है. हाल ही में अनंतनाग के सूर्य मंदिर परिसर में स्थित राम मंदिर में अयोध्या से आए कलश को स्थापित किया गया था. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी इस मंदिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं. उन्होंने श्री मार्तंड तीरथ ट्रस्ट की ओर से आयोजित महायज्ञ में हिस्सा लिया था.
– एजेंसी