जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के परिसर में अब छात्र विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। जेएनयू प्रशासन ने बेहद कड़े नियम कर दिए है। नए नियमों के मुताबिक शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में पोस्टर चस्पा करना और धरना प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी गई है। अगर कोई छात्र ऐसा करता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरोपी छात्र पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा दोषी को संस्थान से निष्कासित भी किया जा सकता है। शैक्षणिक इमारतों में कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के अलावा विभिन्न स्कूलों के अध्यक्षों के कार्यालय, डीन और अन्य पदाधिकारियों के कार्यालय को शामिल किया गया है।
JNU में अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं, लगेगा भारी जुर्माना
नए नियमों के अनुसार, शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में पोस्टर चस्पा करना और धरना प्रदर्शन करने पर 20 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं, दोषी को संस्थान से निष्कासित किया जा सकता है। ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधि पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
100 मीटर के दायरे में विरोध प्रदर्शन पर रोक
इससे पहले उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, प्रशासनिक ब्लॉकों के 100 मीटर के भीतर विरोध प्रदर्शन निषिद्ध था, जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर सहित अन्य के कार्यालय थे। हालांकि, संशोधित चीफ प्रॉक्टर ऑफिस (सीपीओ) मैनुअल के अनुसार, विश्वविद्यालय ने अब शैक्षणिक भवनों के 100 मीटर के भीतर भी विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी है, जहां कक्षाएं संचालित होती हैं।
छात्रसंघ ने किया विरोध, नए मैनुअल को रद्द करने की मांग
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने नए नियमों का विरोध करते हुए कहा है कि यह परिसर में असहमति को दबाने का प्रयास है और इसे वापस लेने की मांग की है। छात्र संघ ने कहा, मैनुअल में उल्लिखित कड़े उपायों का उद्देश्य जीवंत परिसर संस्कृति को दबाना है जिसने दशकों से जेएनयू को परिभाषित किया है। जेएनयूएसयू मांग करता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन तुरंत चीफ प्रॉक्टर मैनुअल के कार्यालय के नए मैनुअल को रद्द कर दे।
Compiled: up18 News
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