बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम पहुंचे थे। वे यहां मीडिया के सामने रामनाथ ठाकुर के साथ पहुंचे थे।
नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को धन्यवाद कहा
नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 2007 से हमलोग लगातार भारत रत्न की मांग करते रहे हैं। 2023 तक लगातार इसके पक्ष में बोलते रहे। लेकिन शाम में उनलोगों ने तय कर दिया। इसके लिए मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। इसकी मांग बहुत दिनों से की जा रही थी।
कर्पूरी ठाकुर के बहाने परिवारवाद पर नीतीश कुमार ने क्या कुछ कहा?
नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग कर्पूरी ठाकुर की प्रेरणा से काम कर रहे हैं। राज्यसभा सदस्य और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि कर्पूरी जी ने कभी अपने बेटे को आगे बढ़ाने का काम नहीं किया, उन्होंने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। वह सिद्धांत पर काम करते थे।
अब नीतीश के इस बयान से साफ लग रहा है कि कहीं पर इशारा और कहीं पर निशाना है। नीतीश के बयान से आरजेडी से दूरी की भी अटकलें लगने लगी हैं। आखिर परिवारवाद पर निशाना साधकर आरजेडी से दूरी के संकेत तो नहीं दे रहे नीतीश कुमार।
हालांकि, हम उनको बढ़ा रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। पहले मंत्री थे, अब राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में शानदार काम कर रहे हैं।
इसके पूर्व सीएम नीतीश ने जननायक की जीवन चरित्र पर आधारित एक स्मारिका का भी लोकार्पण किया। सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भाग लिया और उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया। मौके पर विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन, अजय कुमार के अलावा काफी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कर्पूरी ठाकुर ने ही पहले शराबबंदी की थी
पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी जी ने समाज के हरेक तबके के लिए काम किया। पिछड़ा-अतिपिछड़ा के लिए काम किया। पहली बार शराबबंदी की। देश में सबसे पहले उन्होंने ही इस अहम विषय को छुआ। उनका व्यापक असर देशभर में हुआ। हमलोग भी बिहार में कर रहे हैं। वे व्यक्तिगत रूप से भी हमें मानते थे। उनके निधन के बाद हमलोगों ने उनके बताए रास्ते पर काम शुरू किया।
नीतीश कुमार के 24 घंटे में तीन संकेत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘मन’ में क्या है? यह सवाल इन दिनों सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति के इतिहास में कई बार ‘बड़े कदम’ उठाए हैं। करीब-करीब हर बार उनके इन ‘बड़े फैसलों’ के 15-20 दिन पहले प्रदेश में सियासी हलचल तेज होती रही है।
ऐसे में अब इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों का समय भी नजदीक आ रहा है और इन दिनों बिहार की सियासी आबोहवा कुछ-कुछ वैसी ही बनी हुई है। यही वजह है कि सियासी गलियारों में नीतीश कुमार के ‘मन’ की थाह लेने के कयास और प्रयास जारी हैं।
इतना ही नहीं, बीते 24 घंटे में नीतीश कुमार ने ऐसे तीन संकेत भी दिए हैं, जिनसे एक बार फिर उनके द्वारा कोई बड़ा कदम उठाने के कयास तेज हो गए हैं।
पहला: अचानक राज्यपाल से मिलने पहुंचना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात करने के लिए अचानक राजभवन पहुंच गए थे। उनकी यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली थी। इस घटनाक्रम ने सियासी कयासों को हवा दे दी थी। अब सवाल यह है कि नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने के लिए क्यों राजभवन गए थे। यहां पढ़ें पूरी खबर
दूसरा: सोशल मीडिया पर पोस्ट डिलीट की
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर लगाए जा रहे कयासों का दूसरा संकेत उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर लगाया जा रहा है। दरअसल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के फैसले को लेकर नीतीश ने एक सोशल मीडिया मंगलवार रात साझा की थी।
इस पोस्ट को उन्होंने डेढ़ घंटे के अंदर डिलीट कर दिया और उसके बाद नई पोस्ट साझा की। इनके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि नीतीश की इन सोशल मीडिया पोस्ट में क्या था?
तीसरा: परिवारवाद पर साधा निशाना
इसके बाद नीतीश कुमार पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर बुधवार को उनके पैतृक गांव समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम पहुंचे थे। यहां उन्होंने राजनीति में परिवारवाद को लेकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कई ऐसी बातें कहीं, जिनसे तीसरा संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.