अचानक राजभवन पहुंचे नीतीश कुमार, सियासी गलियारों में कुछ बड़ा होने की चर्चा

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बजट सत्र और वीसी नियुक्ति पर चर्चा!

जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा के बजट सत्र को लेकर सीएम नीतीश राज्यपाल आर्लेकर से मिलने पहुंचे। मामला बजट सत्र का था इसलिए साथ में वित्त मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे। इसके साथ-साथ बिहार की सात यूनिवर्सिटी में फुल टाइम वाइस चांसलर की नियुक्ति का इंतजार है। इसे लेकर सर्च कमिटी ने कैंडिडेट्स के नाम फाइनल कर लिए हैं। हालांकि, किसे ये जिम्मेदारी मिले इस पर फाइनल फैसला चांसलर यानी सूबे के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को करना है। माना जा रहा कि सीएम नीतीश, विजय चौधरी के साथ राज्यपाल की मंगलवार को अचानक मुलाकात के पीछे एक वजह ये भी हो सकती है।

इन सात यूनिवर्सिटी के कुलपति पर फैसला

ऐसा कहा जा रहा कि इस महीने के आखिर तक सभी 7 यूनिवर्सिटी में वीसी पर फाइनल फैसला हो सकता है। जिन सात यूनिवर्सिटी में फुल टाइम वीसी के नाम तय होने हैं, वो इस प्रकार हैं- एलएन मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू), बीएन मंडल विश्वविद्यालय (बीएनएमयू), केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालय (केएसडीएसयू), जय प्रकाश विश्वविद्यालय (जेपीयू), बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (बीआरएबीयू) और आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू)। इन यूनिवर्सिटी में वीसी की नियुक्ति के लिए संबंधित सर्च कमिटी की ओर से शॉर्टलिस्ट कैंडिडेंट्स से बातचीत का काम पूरा हो गया है। अब इस मुलाकात में इसे लेकर कोई फैसला होने के आसार हैं।

नीतीश के दांव से चढ़ा सियासी पारा

इसके साथ-साथ सीएम नीतीश की राज्यपाल संग हुई मुलाकात को एक औपचारिक मीटिंग भी माना जा रहृा। बताया जा रहा कि सूबे में होने वाले विकास कार्यों और योजनाओं की चर्चा भी मुख्यमंत्री ने राज्यपाल आर्लेकर से की होगी। हालांकि, राजभवन की ओर से सीएम नीतीश और राज्यपाल की मुलाकात को लेकर कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। ये स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिर राज्यपाल से बिहार के मुख्यमंत्री ने क्या कहा। ऐसे में सीधे तौर पर किसी भी सियासी चर्चा से इंकार नहीं किया जा सकता।

जेडीयू-आरजेडी ने क्या कहा

नीतीश कुमार के अचानक राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात को लेकर सियासी अटकलें तेज हैं। हालांकि, जेडीयू और आरजेडी दोनों ही इस मुलाकात को लेकर कोई भी जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने बस यही कहा कि राज्यपाल से मुख्यमंत्री की मुलाकात उनका संवैधानिक दायित्व है। उधर, जीतनराम मांझी के बिहार में सियासी घटनाक्रम पर किए गए एक पोस्ट से कई सवाल उठने लगे।

हमेशा चौंकाते रहते हैं नीतीश

जीतनराम मांझी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा- ‘बंगला में कहते हैं खेला होबे, मगही में कहते हैं खेला होकतो, भोजपुरी में कहते हैं खेला होखी। बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं। जीतन राम मांझी के इस ट्वीट पर सूबे में सियासी पारा चढ़ गया। इसकी चर्चा इसलिए भी होने लगी क्योंकि नीतीश कुमार इसी बीच अचानक राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। वो भी तब जब तेजस्वी के साथ वो एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। फिर वहां से मंत्री विजय चौधरी को साथ लेकर राज्यपाल के पास पहुंचे थे।

-एजेंसी