NIA का दावा: PFI के दफ्तरों और नेताओं के यहां से मिलीं काफ़ी आपत्तिजनक चीज़ें

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जांच एजेंसी का दावा है कि इसमें काफ़ी चीज़ें एक समुदाय विशेष के बड़े नेताओं को निशाना बनाने के जुटाई गई थीं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एनआईए की विशेष अदालत में सौंपी गई रिमांड रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े 10 लोगों की कस्टडी मांगी गई है.

जांच एजेंसी की ओर से दर्ज किए गए केस के मुताबिक कट्टर इस्लामी संगठन ने युवाओं को चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने के लिए उकसाया.

भारत में इस्लामी शासन लागू करने की साजिश”

22 सितंबर को सौंपी गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संगठन ने हिंसक जिहाद और चरमपंथी गतिविधियों के जरिए भारत में इस्लामी शासन लागू करने की साजिश रची.

रिपोर्ट में कहा गया, “पीएफ़आई ने समाज के एक तबके को सरकार की नीतियों को ग़लत ढंग से समझाया और उन्हें भारत के ख़िलाफ़ उकसाने की कोशिश की. जिससे देश और सरकार के प्रति उनमें नफरत बढ़े.”

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि “जांच के दौरान जो सामग्री मिली है उससे पता चला कि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, वो लगातार संगठित अपराध और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे और समाज के दूसरे धार्मिक वर्गों को आतंकित करने का काम करते थे.”

एनआईए कोर्ट ने अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. छापेमारी के दौरान एनआईए ने केरल से 22, महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20, तमिलनाडु से 10, असम से 9, उत्तर प्रदेश से आठ, आंध्र प्रदेश से पांच, मध्य प्रदेश से चार, पुडुचेरी और दिल्ली से तीन-तीन और राजस्थान से दो लोगों को गिरफ़्तार किया था.

-एजेंसी